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बीकानेर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सीनियर सेकेंडरी परीक्षा में इस बार टोंक जिले के एक सरकारी स्कूल ने ऐसा इतिहास रच दिया है, जो प्रदेश भर के शिक्षा क्षेत्र के लिए मिसाल बन सकता है। टोंक जिले के पीपलू तहसील स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नवरंगपुरा के सभी 37 विद्यार्थियों ने परीक्षा में प्रथम श्रेणी से सफलता हासिल की है। विशेष बात यह रही कि इनमें से 26 छात्राएं थीं, जिनमें से 21 ने 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर बालिका शिक्षा फाउंडेशन से दिए जाने वाले ‘बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार’ के लिए पात्रता अर्जित की है। स्कूल की 6 छात्राओं ने तो 90% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं।
जाह्नवी राजपूत – 94.60%
मनीषा चौधरी – 94%
मैना गुर्जर – 93.40%
खुशबू कंवर – 92.60%
अलका कंवर – 92.20%
पायल चौधरी – 91.60%
विद्यालय के प्रधानाचार्य सुरेंद्र सिंह बताते हैं कि पूरे वर्ष शिक्षकों ने कड़ी मेहनत और समर्पण से विद्यार्थियों को पढ़ाया। वे कहते हैं “हमारे लिए यह केवल परीक्षा का परिणाम नहीं, बल्कि ग्रामीण बालिकाओं के भविष्य को नई दिशा देने वाला अवसर है।
विद्यालय के उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम की खबर जैसे ही गांव में फैली, नवरंगपुरा में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीण अपनी बेटियों की इस कामयाबी पर गर्व महसूस कर रहे हैं और स्कूल के शिक्षकों की प्रशंसा करते नहीं थक रहे।
इस स्कूल का परिणाम न केवल टोंक जिले बल्कि पूरे प्रदेश में अनोखा है, जहां सरकारी स्कूल की 21 छात्राओं को राज्य स्तरीय पुरस्कार मिलने जा रहा है। यह न केवल बालिका शिक्षा के क्षेत्र में एक उपलब्धि है, बल्कि सरकारी स्कूलों की क्षमताओं और शिक्षकों के समर्पण का प्रमाण भी है।
Published on:
27 May 2025 05:35 pm
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