Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पांच वर्ष से सौ वर्ष तक की बेटियोंं को मिला मणिकर्णिका सम्मान

सम्मानित मणिकर्णिकाओं में मुझे नजर आती है अपनी बेटीस्व. नेहा की स्मृति में डाटर्स डे पर सम्मानित हुई 29 बेटियां बेटियों का किया सम्मान।

2 min read
Google source verification
Daughters aged between five years to 100 years received Manikarnika Award.,Daughters aged between five years to 100 years received Manikarnika Award.

Daughters aged between five years to 100 years received Manikarnika Award.,Daughters aged between five years to 100 years received Manikarnika Award.


बैतूल। डॉटर्स डे पर रविवार 99 वर्ष से लेकर 5 वर्ष तक की बेटियों का सम्मान किया। गंज स्थित सिनेमा हाल में यह अनूठा कार्यक्रम नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ वसंत श्रीवास्तव एवं एडव्होकेट नीरजा श्रीवास्तव ने अपनी बेटी की याद में कराया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सांसद डीडी उईके, कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में सांसद सांसद डीडी उईके ने कहा बेटियां हमारी संस्कृति की आधार स्तंभ है। उन्होंने स्व. नेहा को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि अपनी बेटी की स्मृति में बेटियों का सम्मान करने वाले आदर्श माता पिता समाज के लिए प्रेरणा है,जो बेटियां समाज को आदर्श बनाने के लिए मेहनत कर रही है आज यह मंच उन बेटियों को सम्मानित कर गौरव की अनुभूति कर रहा है। कार्यक्रम के आधार डॉ वसंत श्रीवास्तव द्वारा बेटी नेहा की याद में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि वह इन मणिकर्णिकाओं में अपनी बेटी को देखते है। इस अवसर पर देश की अंतराष्ट्रीय सीमा तवांग में रक्षाबंधन मनाने वाले राष्ट्र रक्षा मिशन दल का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक गौरी पदम ने किया।
महिला शिक्षित तो पूरा समाज होगा शिक्षित:कलेक्टर
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने कहा कि अभी बहुत लम्बा रास्ता तय करना है, जो हमारे जेंडर रेशो है, जो क्राईम अगेंस्ट वूमन है, जो भेदभाव की स्थिति है। उसमें बदलाव की जरुरत है। अभी भी पढ़े-लिखे परिवारों के अंदर ऐसा देखने में आता है कि भेदभाव होता है। ये एक प्लेटफार्म है, एक अवसर है जब हमें अपने आप को याद दिलाना चाहिए, जिसके माध्यम से हमें चर्चा करना चाहिए। आपने सुना होगा एक और एक ग्यारह होता है। महिला शिक्षित होगी तो वह पूरे परिवार को पूरे समाज को शिक्षित करेगी, यदि पुरुष शिक्षित होगा तो वो केवल एक मात्र व्यक्ति होगा जो शिक्षिति होगा। महिला जागरुक होगी तो पूरा परिवार पूरा समाज जागरुक होने के पथ पर अग्रसर होगा। इन्हें मिला सम्मान
समाजसेवी 99 वर्ष 9 माह की शकुन्तला भाटिया एवं 5 वर्ष की पर्वतारोही प्रिशा, वयोवृद्ध समाजसेवी माया दुबे, ओमवती विश्वकर्मा लगातार पांच बार पार्षद आमला, इंडियन हॉकी टीम की खिलाड़ी-दिव्या ठेपे, कृषि वैज्ञानिक केविके बैतूल बाजार डॉ मेघा दुबे, मिसेज फारेवर स्टार इंडिया डॉ चंचल मेश्राम, को-फाउंडर बहिनी दरबार-विवेचना सिंह, टीआई थाना भैंसदेही-अंजना धुर्वे, बैतूल बाजार थाना प्रभारी बबीता धुर्वे, लोक कलाकार-प्रीति धुर्वे, मीडिया अधिकारी स्वास्थ्य विभाग श्रुति गौर तोमर, प्राथमिक शाला रामजीढाना की शिक्षिका कमला दवंडे,रेन्बो चॉकलेट एवं केक संचालक रश्मि भार्गव, गोल्ड मेडलिस्ट डेंटल सर्जन डॉ श्रेया श्रीवास्तव, जिले की पहली मुस्लिम सीए सानिया अली आदि का सम्मान किया।