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मुलताई से चंद्रशेखर और भैंसदेही से महेन्द्र भाजपा उम्मीदवार

भाजपा ने दो विधानसभा क्षेत्रों में घोषित किए उम्मीदवार।कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा में पिछड़ी।उम्मीदवारों ने शुरु प्रचार अभियान।

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Assembly Candidate - Chandrashekhar Deshmukh,Assembly Candidate - Chandrashekhar Deshmukh

Assembly Candidate - Chandrashekhar Deshmukh,Assembly Candidate - Chandrashekhar Deshmukh


बैतूल। भाजपा पार्टी ने दो विधानसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। मुलताई विधानसभा से पूर्व विधायक चंद्रशेखर देशमुख और भैंसदेही से पूर्व विधायक महेन्द्र सिंह चौहान को उम्मीदवार घोषित किया है।
भैंसदेही, जिला बैतूल
विधानसभा उम्मीदवार - महेंद्र सिंह चौहान
पॉलिटिकल कॅरियर-
महेन्द्र सिंह चौहान भाजपा से वर्ष 1998, 2003 एवं 2013 में विधायक रह चुके हैं। वर्ष 2008 और 2018 के विधानसभा चुनाव में महेन्द्र सिंह चौहान को कांग्रेस प्रत्याशी धरमूसिंह सिरसाम ने हरा दिया था। परिवार राजनीतिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखता है। इसलिए शुरुआत से राजनीति से जुड़े हैं। महेन्द्र सिंह के पिता पिता केशर सिंह और दादा दद्दू सिंह भी विधायक रह चुके हैं।
राजनीतिक समीकरण-
तीन बार विधायक रहने के कारण लंबा अनुभव है। क्षेत्र में मजबूत पकड़ बताई जाती है। पारिवारिक पृष्ठभूमि का लाभ भी इन्हें मिला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल के नजदीकी बताए जाते हैं।
लास्ट इलेक्शन रिजल्ट
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भी महेन्द्र सिंह चौहान को भाजपा से प्रत्याशी बनाया गया था। महेन्द्र सिंह को 72,213 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के धरमू सिंह सिरसाम को 99,519 वोट मिले थे। भाजपा प्रत्याशी महेन्द्र सिंह चौहान 27,306 वोट से चुनाव हार गए थे।
पार्टी में अन्य प्रतिद्वंद्वी
भाजपा में भैंसदेही विधानसभा से टिकट के उम्मीदवारों में इनकम टैक्स की नौकरी छोडऩे वाले हेमराज बारस्कर, डॉ महेन्द्र सिंह चौहान, आदिवासी मोर्चा अध्यक्ष सीताराम चढ़ोकार, भाजपा महामंत्री राहुल चौहान, जनपद अध्यक्ष भीमपुर भैयालाल इरपाचे लाइन में थे।

मुलताई, जिला बैतूल
विधानसभा उम्मीदवार -चंद्रशेखर देशमुख
पॉलिटिकल कॅरियर-
चंद्रशेखर देशमुख भाजपा से 1998 में प्रभात पट्टन मासोद विधानसभा से चुनाव लड़े और 2003 तक विधायक रहे। इसके बाद 2013 से 2018 तक मुलताई प्रभात पट्टन विधानसभा से विधायक रहे। 2018 में टिकट नहीं मिलने के चलते वे चुनाव नहीं लड़े। इस बार 2023 के चुनाव में उन्हें फिर से भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। उन्होंने 1984 में सबसे पहले पंच का चुनाव लड़ा और पंच बने। उसके बाद 10 साल तक अपने गांव के सरपंच भी रहे। मुलताई विधानसभा क्षेत्र में चंद्रशेखर देशमुख सरल, स्वच्छ, सहज स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।
राजनीतिक समीकरण-
मुलताई कुनबी बाहुल्य क्षेत्र है। पिछली बार भाजपा ने गैर कुनबी को टिकट देकर अपनी सीट गंवा दी थी, जिसको ना दोहराते हुए इस बार भाजपा ने फिर से कुनबी समाज से आने वाले चंद्रशेखर देशमुख को उम्मीदवार घोषित किया है। वर्तमान में कांग्रेस विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे के सामने प्रबल उम्मीदवार माने जाते रहे हैं। इसके पहले भी वे 2013 में सुखदेव पांसे को चुनाव हरा चुके हैं।
लास्ट चुनाव
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष राजा पंवार को टिकट दिया था। कांग्रेस के सुखदेव पांसे को 87,517 वोट और राजा पंवार को 70,103 वोट मिले थे। मुलताई क्षेत्र में लगभग 60 प्रतिशत मतदाता कुनबी समाज से आते हैं। जिसके चलते दोनों ही पार्टियों द्वारा कुंबी समाज के उम्मीदवारों को टिकट देकर चुनाव लड़वाया जाता रहा है।
पार्टी में अन्य प्रतिद्वंद्वी
भाजपा से ही टिकट के दावेदारों में रोजगार निर्माण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हेमंतराव देशमुख, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश फाटे, गायत्री परिवार से जुड़े उत्तमराव गायकवाड़, नगर पालिका पूर्व अध्यक्ष वर्षा गढ़ेकर शामिल हैं।