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65 गांव के 300 श्रद्धालु नागद्वारी में पांच दिन कराते हैं भंडारा

आठ वर्षों से चल रहा भंडारा।नागपंचमी विशेष। भंडारे का आयोजन कराया जाता है।

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300 devotees from 65 villages conduct Bhandara for five days in Nagdwa,300 devotees from 65 villages conduct Bhandara for five days in Nagdwa

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बैतूल। जिले के छोटे से ग्राम खेड़ीकोर्ट से नागद्वारी में शुुरु हुई भंडारे की शुुरुआत अब एक मिसाल बन गई है। भंडारे के आयोजन से धीरे-धीरे अब जिले के ही 65 गांव के लगभग तीन सैकड़ा से अधिक लोग जुड़ गए है। इनकी मदद से नागद्वारी दर्शन के लिए जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए पिछले आठ वर्षों से भंडारा कराया जाता है।
ग्राम खेड़ीकोर्ट निवासी दिनेश साहू ने बताया कि वे नागपंचमी के समय नागद्वारी मेले में दर्शन के लिए गए थे। यह यात्रा काफी यहां काफी कठिन होती है। पहाड़ी क्षेत्र में खाने-पीने तक की कोई व्यवस्था नहीं रहती है। श्रद्धालु भूखे-प्यासे के ही यात्रा करते हैं। यात्रा के समय यह अनुभव किया तो यहां पर भंडारा करने का मन में विचार आया। गांव के ही अपने लोगों से विचार कर भंडारा करने की शुुरुआत की। पहले गांव के ही पांच लोगों से आठ वर्ष पूर्व भंडारे की शुुरुआत की। नागद्वारी यात्रा के दौरान जटाशंकर रोड पचमढ़ी में हर वर्ष यह भंडारा किया जाता है। इस वर्ष भी 18 अगस्त से यह 22 अगस्त तक यह भंडारा चलेगा। सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक भंडारा चलता है। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रसादी ग्रहण करते हैं।
भंडारे से जुड़े तीन सौ लोग
संजय दवंडे ने बताया नागद्वारी में जय भोले नागद्वार भंडारा मंडल खेड़ीकोर्ट के माध्यम से विशाल भंडारा किया जाता है। भंडारा की शुुरुआत से ही लोग इसमें लगातार जुड़ते जा रहे हैं। अभी वर्तमान में जिले के 65 गांव के लगभग तीन सैकड़ा से अधिक लोग भंडारा में सहयोग करते हैं। सभी के सहयोग से विशाल भंडारा होता है। यथा शक्ति श्रद्धालु भंडारे में सहयोग करते हैं। कई श्रद्धालुओं को जानकारी होने पर स्वयं ही सहयोग करने आ जाते हैं। भंडारे में सहयोग करने वालों का दायरा लगातार बढ़ते ही जा रहा है।
बच्चों से लेकर बुजुर्ग करते हंै मदद
मंडल से जुड़े अनिल पंडाग्रे ने बताया कि भंडारे के आयोजन में गांव के बुजुर्ग,युवा और महिलाएं भी सहयोग करती है। उनका कहना है कि भंडारे का आयोजन कराकर बढ़ा सुकून मिलता है। भगवान भोलेनाथ की कृपा से इतना बढ़ा भंडारा कैसे हो जाता है पता ही नहीं चलता हैं। मंडल में कुछ लोग ऐसे हैं जो कि भंडारे के दौरान परिवार सहित सहयोग करते हैं।