फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Anta Assembly By-election: अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। बीजेपी नेतृत्व जल्द ही अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर सकता है। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने स्पष्ट किया कि उम्मीदवार का फैसला बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा करेंगे। उन्होंने कहा कि वह एक अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के निर्देशों का पालन करेंगी। हाड़ौती क्षेत्र में राजे का मजबूत प्रभाव माना जाता है, जिसके चलते उनकी राय को उम्मीदवार चयन में अहम माना जा रहा है।
जयपुर में पत्रकारों से बातचीत में वसुंधरा राजे ने कहा कि टिकट का फैसला हमारे प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा करेंगे। वे जो भी तय करेंगे, जब भी तय करेंगे और जिसे भी चुनेंगे, वह बीजेपी का सर्वमान्य उम्मीदवार होगा। हम सभी उसकी जीत के लिए एकजुट होकर काम करेंगे।
वसुन्धरा राजे ने यह भी कहा कि वह पार्टी के निर्देशों के अनुसार काम करेंगी और जहां भी उन्हें कहा जाएगा, वहां जाकर मेहनत करेंगी। सूत्रों के मुताबिक, बीचे शुक्रवार को सीएम भजनलाल शर्मा और मदन राठौड़ ने अंता उपचुनाव पर चर्चा के लिए राजे से उनके आवास पर मुलाकात की थी।
अंता विधानसभा सीट झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है, जहां से वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह सांसद हैं। हाड़ौती क्षेत्र में राजे का गहरा प्रभाव है, जिसके चलते माना जा रहा है कि बीजेपी उम्मीदवार के चयन में उनकी सहमति अहम होगी। बीजेपी के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी और पूर्व जिला प्रमुख नंद लाल सुमन उम्मीदवारी की दौड़ में सबसे आगे हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि जल्द ही अंता के उम्मीदवार का ऐलान होगा। कांग्रेस को खुश होने की जरूरत नहीं, हम यह चुनाव जीतेंगे।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता और तीन बार के विधायक प्रमोद जैन भाया को मैदान में उतारा है। कांग्रेस के बागी नेता नरेश मीणा के नामांकन ने इस सीट पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। नरेश मीणा स्थानीय चेहरा हैं और उन्होंने 2023 में छबड़ा विधानसभा और 2024 में देवली-उनियारा उपचुनाव में भी लड़ा था।
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि अब वो काम भी मैं करूंगा, बीजेपी का कैंडिडेट डिक्लेयर नहीं हुआ तो मैं क्या करूं? मैं तो यही कह सकता हूं हमारा कैंडिडेट दमखम के साथ मैदान में उतर चुका है, हम आज वहीं जा रहे हैं फार्म भरेंगे और रैली भी होगी, भई हमारा काम तो शुरू हो गया है।
अंता विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां अनुसूचित जनजाति के 60,000 से अधिक मतदाता हैं, जो सबसे बड़ा वोट बैंक है। इसके बाद माली सैनी समाज के करीब 45,000, मीणा समाज के 35,000 और धाकड़ समाज के 25,000 से 30,000 मतदाता हैं। इन चारों जातियों का प्रभाव इस सीट पर निर्णायक है। यदि कोई उम्मीदवार इनमें से किसी एक समुदाय का समर्थन हासिल कर लेता है, तो वह चुनावी नतीजों को अपने पक्ष में कर सकता है।
Published on:
15 Oct 2025 11:50 am
बड़ी खबरें
View Allबारां
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग