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बांसवाड़ा जिले के 4 किसानों को राजस्थान सरकार ने दिया विदेश जाने का मौका, जानिए क्या है चयन का आधार

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के चार किसानों को विदेश जाने का अवसर राजस्थान सरकार ने दिया है। जानिए किसानों के चयन का क्या है आधार-

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किसान पंकज कुमार बामनिया और हुसैन कुरैशी। फोटो- पत्रिका

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के चार किसानों को विदेश जाने का अवसर राजस्थान सरकार ने दिया है। इनमें से दो किसान ‘डेनमार्क’ के लिए रवाना हो चुके हैं, जबकि दो किसान आने वाले दिनों में ‘नीदरलैंड’ जाएंगे। यह राज्य सरकार की बजट घोषणा का हिस्सा है, जिसके तहत किसान विदेश जाकर वहां की कृषि व्यवस्था और डेयरी संचालन प्रणाली को समझेंगे और नई तकनीक सीखेंगे।

उद्यान विभाग के उप निदेशक दल सिंह गरासिया ने बताया कि घाटोल क्षेत्र के उदपुरा सेनावासा निवासी किसान पंकज कुमार बामनिया और शहर के हुसैन कुरैशी (बागीदौरा वाला) को एक दिन पहले जयपुर के लिए रवाना किया गया। वहां एक दिन के प्रशिक्षण में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा किसानों से बातचीत करेंगे। इस दौरान किसानों को विशेषज्ञ यह बताएंगे कि उन्हें क्या सीखना है और किस प्रकार प्रशिक्षण लेना है।

इसके बाद सभी किसान दिल्ली जाएंगे और वहां से ‘डेनमार्क’ के लिए रवाना होंगे। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि संभवत: 13 अक्टूबर को दो किसान ‘नीदरलैंड’ के लिए रवाना होंगे। इनमें आंजना निवासी संघर्ष कटारा और ओबला निवासी अश्विन रोत शामिल हैं।

‘डेनमार्क’ टूर संपन्न होने के बाद इनका दौरा प्रारंभ होगा। दोनों किसानों का वीज़ा आ चुका है और सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। टूर के दौरान किसान खेती के साथ ही डेयरी उत्पादों और डेयरी संचालन की बारीकियों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे, ताकि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिल सके।

छह दिन रहेंगे डेनमार्क में, बारीकियां सीखेंगे

किसान 8 से 13 अक्टूबर तक ‘डेनमार्क’ में रहेंगे। वे वहां की खेती की पद्धतियों, फसलों, बीजों, रासायनिक खादों तथा आधुनिक तकनीक की बारीकियां सीखेंगे। साथ ही यह भी जानेंगे कि वहां कृषि कार्यों का संचालन किस तरह किया जाता है। उल्लेखनीय है कि संभाग से कुल 7 किसानों का चयन किया गया है, जिनमें से 4 किसान बांसवाड़ा जिले के हैं।

कृषि अधिकारियों ने बताया कि ऐसे किसानों का चयन किया है, जो कि कृषि की उन्नत तकनीकी अपनाते हों। कृषि क्षेत्र के बदलावों को समझ कर खेती का तौर-तरीका उसी अनुरूप ढाल लेते हैं। साथ ही पारंपरिक खेती की बजाय कैश क्रोप पर ज्यादा ध्यान देते हैं।

कटारा प्रधानमंत्री से कर चुके हैं बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले माह जिले के नापला में आए थे, तब उन्होंने किसानों से बातचीत की थी। उस दौरान आंजना निवासी संघर्ष कटारा भी उनसे बातचीत करने वालों में शामिल थे। कटारा ने पीएम को ‘सूर्यघर बिजली योजना’ के संबंध में फीडबैक दिया था। प्रधानमंत्री ने बांसवाड़ा के दो किसानों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की थी।