फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan : बांसवाड़ा जिले में करीब 700 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रस्तावित मैंगनीज खनन का सपना टूट गया है। खान विभाग ने टेंडर लेने वाली कंपनी की लापरवाही के चलते न केवल परियोजना रद्द कर दी, बल्कि 9.5 करोड़ रुपए की गारंटी राशि भी जब्त कर ली है। इस फैसले से इलाके के करीब 10,000 आदिवासी युवाओं के संभावित रोजगार पर ग्रहण लग गया है। जिन दो ब्लॉकों में खनन होना था, वहां अब सन्नाटा है और स्थानीय लोगों की उम्मीदें फिर से धुंधली हो गई हैं।
विभाग अब नए सिरे से नीलामी की तैयारी कर रहा है। जिले में मैंगनीज के विशाल भंडार हैं। इस खनन परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह था। उम्मीद थी कि खनन शुरू होने से इलाके की आर्थिक तस्वीर बदलेगी तथा आदिवासी युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा।
टेंडर प्रक्रिया पूरी होने और करोड़ों रुपए की राशि जमा होने के बाद परियोजना सुचारू रूप से आगे बढ़ती दिख रही थी, लेकिन कंपनी की ओर से एमएल (माइनिंग लाइसेंस) की शर्तों का पालन नहीं करने पर विभाग ने कार्रवाई की। रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के बाद टेंडर निरस्त करने का निर्णय लिया गया। जानकारी के अनुसार, कंपनी को 30 दिन में कार्य पूर्ण करना था, लेकिन 150 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी शर्तें पूरी नहीं की गईं।
सूत्रों के अनुसार, कंपनी ने बोली के अनुसार 9.5 करोड़ रुपए की गारंटी राशि जमा कर दी थी। टेंडर की शर्तों के तहत उसे निश्चित समय-सीमा में पर्यावरणीय स्वीकृतियां, खनन पट्टा दस्तावेज और अन्य औपचारिकताएं पूरी करनी थीं। विभाग ने कई बार नोटिस दिए, लेकिन कंपनी प्रतिक्रिया संतोषजनक नहीं रही।
रूपाखेड़ा में 473.5 हेटेयर और तांबेसरा में 241 हेटेयर क्षेत्र के दो ब्लॉक नीलाम किए गए थे। अब नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। संभावना है कि विभाग इन ब्लॉकों को छोटे हिस्सों में विभाजित कर पुन: नीलामी करेगा, ताकि लघु कंपनियां भी इसमें भाग ले सकें।
विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेज दी गई है। आगे की कार्रवाई मुख्यालय से होगी।
गौरव मीणा, खनिज अभियंता, खनिज विभाग बांसवाड़ा
Published on:
12 Oct 2025 07:48 am
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