सज्जनगढ़. मटके व बाल्टी लेकर प्रदर्शनी करती महिलाएं। पत्रिका फोटो
Banswara News : बांसवाड़ा के पंचायत समिति सज्जनगढ़ मुख्यालय की ग्राम पंचायत सज्जनगढ़ के वार्ड संख्या 3 में पिछले छह महीनों से पेयजल संकट विकराल रूप ले चुका है। जलदाय विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत पाइपलाइन कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण क्षेत्र के निवासियों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्मी शुरू होने से अब तक वे कई बार मौखिक और लिखित शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी और ठेकेदार एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे हैं। परिणामस्वरूप 50 से अधिक परिवारों को प्रतिदिन पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
महिलाओं को दूर-दराज के इलाकों से सिर पर मटके रखकर पानी लाना पड़ता है, जिससे उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस समस्या से तंग आकर शुक्रवार को वार्ड की महिलाओं ने एकजुट होकर मटका फोड़ आंदोलन किया। महिलाओं ने खाली मटके सड़क पर फोड़कर जलदाय विभाग व प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए।
उन्होंने कहा कि जब मुख्यालय जैसे क्षेत्र में भी पानी जैसी बुनियादी सुविधा नहीं मिल रही, तो ग्रामीण इलाकों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। महिलाओं ने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत पूरे सज्जनगढ़ में पाइपलाइन डाली जा चुकी है, लेकिन उनका मोहल्ला अब भी उपेक्षित है। पाइपलाइन का कार्य स्वीकृत होने के बावजूद शुरू नहीं किया गया। स्थानीय निवासी सुनीता बाई, रेखा देवी, कमला बाई, मनीषा बेन आदि ने बताया कि वे कई बार पंचायत और विभागीय अधिकारियों से मिल चुकी हैं, पर कोई समाधान नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे पंचायत समिति और उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना देंगे। उन्होंने कहा कि यह मामला पंचायत समिति सज्जनगढ़ के मुखिया आवास क्षेत्र का है, जहां परिवार अब भी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। पेयजल संकट ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर घर नल कनेक्शन का दावा करने वाला जल जीवन मिशन यहां विफल साबित हो रहा है।
Updated on:
11 Oct 2025 12:29 pm
Published on:
11 Oct 2025 12:28 pm
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