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नर्सिंग सीटें बढऩे का लाभ छात्रों को कम निजी कॉलेजों को ज्यादा

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरजीयूएचएस) की सिफारिश के आधार पर सीटें बढ़ाने की अनुमति देते हैं।

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-90 नर्सिंग कॉलेजों के लिए 1500 से अधिक सीटों को मंजूरी

-350 सीटों पर ही हुआ दाखिला, शेष प्रबंधन कोटा में तब्दील

Karnataka के सरकारी कोटे पर नर्सिंग की पढ़ाई के इच्छुक उम्मीदवारों के बीच काउंसलिंग व दाखिला प्रक्रिया को लेकर काफी असंतोष है। तीसरे दौर की काउंसलिंग के बाद सरकारी कोटे की सीटों की संख्या बढ़ाने के सरकार के फैसले का विरोध हो रहा है। पसंद का कॉलेज नहीं मिलने या सीटें नहीं होने के कारण अन्य पाठ्यक्रम चुनने पर मजबूर उम्मीदवारों का तर्क है कि अगर काउंसलिंग के दौरान सीटें बढ़ाई गई होतीं तो आज वे अपनी पसंद के कॉलेज में पढ़ रहे होते।

विस्तारित दौर के सीट आवंटन के बाद खाली बची सीटें स्वत: ही प्रबंधन कोटे में परिवर्तित हो जाती हैं और निजी नर्सिंग कॉलेजों को इसका सीधा फायदा होता है। इस वर्ष कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केइए) के माध्यम से सीट आवंटन के तीसरे दौर के बाद, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कम-से-कम 90 नर्सिंग कॉलेजों के लिए 1,500 से अधिक सीटों को मंजूरी दी और सात नए कॉलेजों को मान्यता भी दी।

इसके बाद, केइए ने नई सीटें आवंटित करने के लिए एक विस्तारित मॉप-अप राउंड आयोजित किया। हालांकि, केवल 350 छात्र ही विस्तारित राउंड सीट आवंटन में भाग ले पाए। शेष सीटों को प्रबंधन कोटे में बदल दिया गया है। स्वीकृत सभी 1,500 अतिरिक्त सीटें सरकारी कोटे के अंतर्गत थीं।सरकारी सीट से वंचित एक छात्रा ने कहा, विस्तारित दौर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। कई उम्मीदवारों को अन्य पाठ्यक्रम लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब, हम प्रवेश वापस नहीं ले सकते क्योंकि कॉलेज फीस वापस नहीं करेगा।

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरजीयूएचएस) की सिफारिश के आधार पर सीटें बढ़ाने की अनुमति देते हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष सीट आवंटन के दौरान भी यही समस्या थी। सभी राउंड पूरे होने के बाद भी नर्सिंग सीटें Nursing Seats बढ़ा दी गई थीं। केइए को मजबूरन एक और राउंड आयोजित करना पड़ा, लेकिन छात्रों के लिए इसका कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि वे पहले ही दूसरे पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले चुके थे।