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एमबीबीएस डॉक्टर की डिग्री फर्जी तरीके से इस्तेमाल कर लखनऊ- बहराइच और सीतापुर में खोले तीन अस्पताल

लखनऊ और बहराइच में एमबीबीएस डिग्री का फर्जी इस्तेमाल कर तीन अस्पतालों का संचालन किया गया। आरोपी डॉक्टर के नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर का दुरुपयोग कर इलाज और दस्तावेज तैयार कर रहे थे। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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Balrampur

सांकेतिक तस्वीर फोटो जेनरेट Ai

लखनऊ और बहराइच में मेडिकल जगत को झकझोर देने वाला एक चौंकाने वाला मामला उजागर हुआ है। यहां एक एमबीबीएस डॉक्टर की डिग्री और हस्ताक्षर का फर्जी इस्तेमाल कर तीन अस्पताल चलाए जा रहे थे। इस पूरे प्रकरण का खुलासा तब हुआ। जब बहराइच के पचपेड़वा क्षेत्र के रहने वाले डॉक्टर मोहम्मद जावेद खान को पता चला कि उनके नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर पर कई अस्पतालों का संचालन हो रहा है।

डॉ. जावेद ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत सीएमओ कार्यालय में की। जिसके बाद जांच में पूरा मामला सामने आ गया। जांच में साबित हुआ कि आरोपियों ने डॉक्टर की डिग्री की कॉपी, उनके फर्जी हस्ताक्षर और मेडिकल रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल करते हुए तीन अस्पतालों—लखनऊ सेवा अस्पताल (रेउसा चौराहा, सीतापुर), लखनऊ सेवा अस्पताल (राजी चौराहा, महसी, बहराइच) और एआर नर्सिंग होम (जैतरापुर, बहराइच)—का पंजीकरण कराया था। इतना ही नहीं, इन अस्पतालों में डॉक्टर के नाम से प्रिस्क्रिप्शन पैड, बोर्ड और दस्तावेज भी तैयार कर लिए गए थे।

पुलिस ने दर्ज की जालसाजी धोखाधड़ी की रिपोर्ट

डॉ. जावेद ने मीडिया को दिए गए बयान में बताया कि वह इस समय नीट-पीजी की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कभी इन अस्पतालों से जुड़ाव नहीं रखा। जांच पूरी होने पर सीएमओ ने तीनों संस्थानों के पंजीकरण निरस्त कर दिए। लेकिन इसके बाद आरोपियों ने उन्हें शिकायत वापस लेने के लिए धमकाना शुरू कर दिया। 7 जुलाई 2025 को कुछ लोगों ने पचपेड़वा पहुंचकर डॉक्टर पर दबाव बनाया और जान से मारने की धमकी दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मो. रजा, डॉ. आवेश, डॉ. फरहीन, मो. शफीक, हस्मान और कारी कदीर के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने दस्तावेज सीज कर जांच शुरू कर दी है। जबकि स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित अस्पतालों की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी है।