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बलरामपुर में जमीन ठगी का बड़ा खुलासा, पंचायत अधिकारी समेत पूरा गिरोह गिरफ्तार

बलरामपुर में जमीन हड़पने की सनसनीखेज साजिश का खुलासा हुआ है। पंचायत अधिकारी ने जिंदा व्यक्ति को कागजों में मृत दिखाकर जमीन दूसरे के नाम दान करा दी। एसपी की निगरानी में दोबारा हुई जांच में पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया और गिरोह के सभी सदस्य गिरफ्तार हो गए।

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Balrampur

पकड़ा गया आरोपी फोटो सोर्स पुलिस ट्विटर अकाउंट

बलरामपुर जिले के उतरौला क्षेत्र में जमीन पर कब्जा करने के लिए जालसाजी करने वाले गिरोह से जुड़े ग्राम पंचायत अधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी शनिवार को उस वक्त हुई। जब जांच में यह खुलासा हुआ कि अधिकारी ने सरकारी अभिलेखों में फर्जी प्रविष्टि दर्ज कर जमीन हड़पने की साजिश में सहयोग किया था।

बलरामपुर जिले के उतरौला कोतवाली क्षेत्र के देवरिया मैनहा गांव का है। यहां के रहने वाले हीरालाल मिश्र ने वर्ष 2020 में अपनी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच के दौरान यह सामने आया कि जमीन अपने नाम कराने के लिए आरोपियों ने जो दस्तावेज प्रस्तुत किए, वे फर्जी थे। ग्राम पंचायत के तत्कालीन अधिकारी राजकुमार गौतम, जो कि ग्राम छोटा धुसाह (थाना कोतवाली देहात) के रहने वाले हैं। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अयोध्या प्रसाद नामक जीवित व्यक्ति को परिवार रजिस्टर में मृत दर्शा दिया था।

कोर्ट ने दिया था पुनः विवेचना का आदेश

इस जाली मृत्यु प्रविष्टि के आधार पर अयोध्या प्रसाद की जमीन का दानपात्र तैयार कराया गया। अन्य आरोपियों ने मिलकर उस जमीन पर कब्जा कर लिया। प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने इस प्रकरण में अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी। लेकिन जनवरी 2025 में न्यायालय ने पुलिस की रिपोर्ट को अस्वीकार करते हुए पुनः विवेचना के आदेश दिए।

एसपी की देखरेख में हुई विवेचना, तो सच आया सामने

एसपी विकास कुमार ने पूरे मामले की निगरानी अपने स्तर से की। दोबारा हुई जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, जिसके बाद 20 अगस्त 2025 को पुलिस ने मामले में शामिल सुनील कुमार मिश्र, रीता मिश्रा, उर्मिला मिश्रा, सीमा मिश्रा और नानक शरण सिंह को गिरफ्तार किया था। ताजा कार्रवाई में अब मुख्य आरोपी और तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी राजकुमार गौतम को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से कई अन्य जमीनों पर कब्जे की कोशिशों में भी शामिल रहा है।