डौंडीलोहारा नगर की लाडली बिटिया मेघा डोसी ने संयम का मार्ग चुना है। संसार की आसरता को उसने कम उम्र में जान लिया व समझ लिया, तभी संयम जीवन का वरण करने वाली है। जहां पर संसार की कोई भी सुख सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। होगा तो बस धर्म आराधना व आत्मा को परमात्मा बनाने वाली साधना का।
तीन नवंबर को राजस्थान के देशनोक नगर में मेघा डोसी आचार्य श्रीरामलाल मसा से संयम पथ की दीक्षा लेंगी। उनके साथ संभावित पांच और बहन दीक्षा अंगीकार करेंगी। दीक्षा के बाद वे जैन साध्वी बन जाएंगी। इस दौरान शादी से संबंधित हर एक नेग होंगे। वे साधना आराधना के साथ जीवन पर्यंत चलेंगी।
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चातुर्मास के दिनों में साधु-साध्वियों के साथ साधना आराधना की शुरुआत हुई। बचपन से माता-पिता व घर वालों के धर्म के संस्कार रूपी बीज बोए गए थे। जैन आगमों का अध्ययन शुरू किया। पाप पुण्य को समझा। मानव भव की अमूल्यता को सही मायनों में जाना समझा व परखा। मुमुक्षु शिविर के माध्यम से साध्वी जीवनचर्या को परखा। राजस्थान के बीकानेर स्थित भीनासर में संचालित आरुग्यबोहिलाभम संस्कार शिविर को अटैंड करने के बाद मन दृढ़ संकल्पित हो गया। फिर उनका अगला लक्ष्य बना घर वालो को इसके लिए तैयार करना क्योंकि यह सब उतना आसान नहीं था।
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आगम की बातों को वर्तमान व आचार्य श्रीरामलाल मसा व उपाध्याय प्रवर की साधनाओं को सामने रखा। इतने कठिन मार्ग पर चलने की आज्ञा देना परिजनों के लिए बड़ा ही कठिन निर्णय था। साथ ही बिटिया के जिनशासन की ओर कदम बढ़ाने की खुशी भी थी। नम नयनों से हृदय पर पत्थर रखकर उसके सच्चे मार्ग पर चलने की सहमति दी। आचार्य व उपाध्याय प्रवर के चरणों में अनुज्ञा पत्र सौंपा गया।
मुमुक्षु बहन ने कहा कि समय-समय पर होने वाले धार्मिक शिविर सहित भीनासर में चलने वाले आरुज्ञ भोहि लाभम के क्लास अवश्य ही अटैंड करें। इससे हमें अपने आपको जानने समझने का अवसर मिलता है। भगवान महावीर ने अमूल्य मानव भव के एक एक क्षण को अमूल्य बताया है। भगवान ने आत्मकल्याण के लिए एक ही मार्ग बताया है और वह है संयम जीवन। गुरु भगवंतों के सानिध्य में गुरुकृपा से संयम जीवन को जानने समझने का अवसर मिला है। संघ समाज से जाने अनजाने गलतियों की क्षमा याचना करते हुए अधिक से अधिक धर्म आराधना करने का आह्वान किया है।
दीक्षा प्रसंग के निमित्त मांगलिक कार्यक्रम की शुरुआत गुरुवार को कुमकुम के कार्यक्रम से हुई। संघ समाज व पारिवारिकजनों के मध्य कुमकुम पत्रिका आदि को विधिवत केसर कुमकुम से अंकित करते हुए मांगलिक कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मुमुक्षु बहन मेघा डोसी ने भी अपने आराध्य श्रीरामलाल मसा के नाम व दीक्षा दिवस के दिन को केसर से सादे सफेद वस्त्र में अंकित किया। इसी के साथ दीक्षा प्रसंग की मंगलमय शुरुआत हो गई।
नगर के जैन समाज ने आठ अक्टूबर को मुमुक्षु बहन के सम्मान में सुबह आठ बजे से भव्य वरघोडा का आयोजन किया है। भव्य बग्घी में सवार होकर मुमुक्षु बहन लोगों का अभिवादन स्वीकार करेंगी व जाने अनजाने गलतियों की क्षमा याचना भी करेंगी। साढ़े दस बजे से नगर के एपीएस प्रांगण में अभिनंदन समारोह होगा। मुमुक्षु मेघा डोसी का विशेष उद्बोधन भी होगा।
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Published on:
06 Oct 2025 11:28 pm
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