
बालोद ब्लॉक में एक भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। जिला बनने के बाद जिला मुख्यालय में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र था वह जिला अस्पताल बन गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने के कारण बालोद ब्लॉक के मरीजों को लम्बी दूरी तय कर जिला अस्पताल जाना पड़ता है। एक सामुदायिक स्वास्थ्य का निर्माण हो तो जिला अस्पताल में इलाज का दबाव कम हो सकता है और मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा। दरअसल जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाटाबोड़ को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनने की योजना काफी दिनों से चली आ रही है। स्वास्थ्य विभाग ने भी शासन को पत्र लिखा है। लेकिन अभी तक शासन स्तर पर अभी तक कोई पहल नहीं हुई है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए ग्राम पंचायत ने स्वास्थ्य विभाग के साथ ग्राम के तालाब के पास ही जगह का चयन किया था। जगह चयन के बाद शासन ने अभी तक इस गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की अनुमति नहीं दी है। अगर इस गांव में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना दिया जाए तो यह बालोद ब्लॉक का पहला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होगा और इस क्षेत्र के 30 गांवों की एक लाख 42 हजार आबादी को इसका लाभ मिलेगा।
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बता दें कि 2012 में बालोद को जिला बनाया गया तो यहां संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को जिला अस्पताल का दर्जा दिया गया। जिला मुख्यालय में भवन बनने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जगह अब जिला अस्पताल बन गया। ब्लॉक मुख्यालय में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने ग्राम लाटाबोड़ को उपयुक्त माना गया है।
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मिली जानकारी के मुताबिक 2016 में राज्य शासन नेे बालोद ब्लॉक में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने के लिए उपयुक्त गांव और पर्याप्त जगह की जानकारी मांगी थी। इसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने ग्राम लाटाबोड़ का चयन कर जानकारी भेजी थी। गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए तत्कालीन सरपंच गोवर्धन साहू ने भी सहमति देकर भवन निर्माण के लिए जगह भी दिखाई थी। इस संबंध में शासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
लाटाबोड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनने से लाटाबोड़ के आसपास के 30 गांवों के लोगों को जिला मुख्यालय जाना नहीं पड़ेगा। केंद्र खुल जाने से ब्लाक के लगभग एक लाख 42 हजार की आबादी को यहीं पर स्वास्थ्य सुविधा और लाभ मिलने लगेगा। ग्रामीणों को सामान्य बीमारियों के उपचार के लिए जिला अस्पताल जाने की मजबूरी से छुटकारा मिलेगा।
जिला अस्पताल बनने के बाद मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है। जिला अस्पताल में दबाव बढ़ गया है। जिले में और एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुल जाने के मरीजों का दबाव कम होगा। एक लाख की आबादी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए पहुंचेगी। जिला अस्पताल की ओपीडी की संख्या कम हो जाएगी। यहां पर गंभीर और भर्ती करने लायक मरीजों का और अच्छे से उपचार व देखभाल हो सकेगी। वर्तमान में जिला अस्पताल में ओपीडी की संख्या लगभग 700 से अधिक हो गई है। वहीं इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जेएल उइके ने कहा शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। जैसे ही स्वीकृति मिलेगी आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
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Updated on:
25 Oct 2025 11:15 pm
Published on:
25 Oct 2025 11:14 pm
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