Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मौसम बदलाव में सावधानी जरूरी! वायरल फीवर से 600 मरीज, डॉक्टरों ने सुझाया पौष्टिक आहार और व्यायाम

CG News: बालोद जिले में बदलते मौसम के कारण वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ गया है। शुक्रवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में 600 से अधिक मरीज वायरल फीवर के लक्षणों के साथ पहुंचे।

2 min read
Google source verification
मौसम बदलाव में सावधानी जरूरी! वायरल फीवर से 600 मरीज, डॉक्टरों ने सुझाया पौष्टिक आहार और व्यायाम(photo-patrika)

मौसम बदलाव में सावधानी जरूरी! वायरल फीवर से 600 मरीज, डॉक्टरों ने सुझाया पौष्टिक आहार और व्यायाम(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में बदलते मौसम के कारण वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ गया है। शुक्रवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में 600 से अधिक मरीज वायरल फीवर के लक्षणों के साथ पहुंचे। जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ का कारण लंबे दिनों की छुट्टी होना है। दिवाली में लोग व्यस्त रहे तो कुछ दिन अवकाश भी रहा।

CG News: बारिश के बाद अब ठंड का सीजन

रात और सुबह के तापमान में गिरावट और दिन में धूप निकलने से मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है। सिविल सर्जन डॉ. आरके श्रीमाली ने बताया कि बदलते मौसम की वजह से वायरल फीवर के मरीजों की संया में वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त पेट दर्द के मरीज भी बढ़े हैं। उन्होंने लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जब मौसम बदलता है तो इसका असर स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। पहले बारिश का सीजन था और यह सीजन लगभग समाप्त हो गया है। अब गुलाबी ठंड का अहसास भी होने लगा है। यही वजह है कि स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है।

सर्दी, खांसी, बुखार के मरीज ज्यादा

सिविल सर्जन डॉ. आरके श्रीमाली ने कहा कि बदलते मौसम में चिकित्सको की सलाह के अनुसार रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार लें एवं हाइड्रेटेड रहें। नियमित व्यायाम (जैसे योगासन, हल्की सैर) करें। बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। स्व-चिकित्सा से बचें और कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। खासकर लक्षण गंभीर हों या बने रहें। मच्छरों से बचाव और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।

चिकित्सकों ने कहा- स्वास्थ्य के प्रति रखे सावधानी

मरीजों व परिजनों को जिला अस्पताल में ओपीडी पर्ची के लिए कतार न लगाना पड़े, इसलिए शासन ने आभा ऐप हर अस्पताल में लागू किया है। आभा ऐप का उपयोग लोग करना चाहते हैं, लेकिन सर्वर की दिक्कतों के कारण काम नहीं कर रहा है, जिससे मरीजों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ा।

जिला अस्पतालों में बुखार, खांसी, जुकाम, पेट की बीमारियों और मधुमेह जैसी बीमारियों के मरीज सबसे ज्यादा आए। शुक्रवार को चिकित्सक मरीजों का इलाज करने में व्यस्त नजर आए।