Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दीपावली पर मकानों के रंग-रोगन के लिए नहीं मिल रहे मजदूर

बाहर के महंगे मजदूर बुलावाकर पुताई व सफाई करवा रहे लोग

2 min read
बाहर के महंगे मजदूर बुलावाकर पुताई व सफाई करवा रहे लोग

बाहर के महंगे मजदूर बुलावाकर पुताई व सफाई करवा रहे लोग

पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व धनतेरस से शुरू हो चुका है। इसको लेकर लोग घरों को संवारने में युद्ध स्तर पर जुटे हुए हैं। मजदूरों के नहीं मिलने से इस बार त्योहार के पूर्व रंग रोंगन न होने से लोग थोड़े परेशान जरूर है। लेकिन शहर हो या गांव चारों ओर पर्व की खुशियां छाई हुई है। लोग घरों की लिपाई-पुताई में लगे हैं। महंगाई के चलते पुताई का सामान 20 से 25 फीसदी महंगा हुआ है। इसके बावजूद लोग अपने घर दुकानों को सजाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। नौकरी पेशा लोग मजदूर लगाकर पुताई करा रहे हैं। सीजन भरपूर रहने से मजदूर भी हाथ नहीं आ रहे। गांव कस्बों में जहां गाय के गोबर से लिपाई-पुताई कर घरों की सुंदरता निखारी जा रही है। वहीं शहरों में ऑयल पेंट, पुट्टी, पेंटस आदि कर घरों को सुंदर व आकर्षक बनाया जा रहा है।

सब काम छोड़ रंग-रोगन पर जोर

आगामी पांच दिन तक दीपोत्सव है। ऐसे में लक्ष्मीजी को लुभाने के लिए लोग घर, ऑफिस व प्रतिष्ठानों के रंग-रोगन में जुटे हैं। महिलाएं कुछ दिनों के लिए खेती-बाड़ी भूल घरों को सजाने में लगी है। जहां देखो वहीं दीपावली पर सजावट की तैयारी चल रही है। हालांकि इस दिवाली में रंगाई-पुताई महंगी पड़ रही है। इसका कारण गत वर्ष के मुकाबले इस बार पेंट्स के दामों में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी है। इसके बावजूद लोग घर-आंगन की नए-नए लुकआउट में पुताई कर रहे हैं। कई लोग कमरों की कम्प्यूटर से कलर डिजाइन तैयार कर पुताई करा रहे हैं। कुछ सालो पहले तक महिलाएं कलई, हरमच, पीली मिट्टी आदि का उपयोग दीपावली पर घर की लिपाई-पुताई में करती आ रही थी। लेकिन अब ये चलन खत्म सा होता जा रहा है। दुकानदार कलई रखते तो हैं, लेकिन बहुत कम ही लोग इसे खरीदते हैं। खेती-बाड़ी के दिन चलने व दीपावली नजदीक आने से मजदूरों की मांग बढ़ गई है।

श्रमिकों ने बढ़ाई मजदूरी

मांग बढ़ी तो मजदूरों ने दिहाड़ी भी बढ़ा दी। आलम यह है कि मजदूर रोजना के आठ सौ से हजार रुपए तक लेने लगे हंै। जबकि सामान्य तौर पर चार सौ से पांच रुपए ले रहे थे। एक दशक पहले तक दीपावली पर मकान का कलर पूरा परिवार मिलकर किया करता था। ऐसे में सस्ता व सुंदर काम हो जाया करता था, लेकिन अब कम्प्यूटर से निकलने वाले मिक्सर कलर को करने वाले पेंटर भी स्पेशलिस्ट आ रहे हैं। सामान्य कलर करने वाले कम मजदूरी लेते हैं। कम्प्यूटर से निकाले गए कलर डिजाइन करने वाले मजदूरों की दिहाड़ी सात सौ से आठ सौ रुपए तक है।