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न्यायालय में पुलिस ने क्यों नहीं जमा कराया रुपए व जेवर

मालखाना से 55.13 लाख रुपए व जेवर चोरी होने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर खड़े हो रहे सवाल

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मालखाना से 55.13 लाख रुपए व जेवर चोरी होने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर खड़े हो रहे सवाल

मालखाना से 55.13 लाख रुपए व जेवर चोरी होने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर खड़े हो रहे सवाल

बालाघाट. कोतवाली थाना के मालखाना से लाखों रुपए व जेवर चोरी होने के मामले में अब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस भले ही चोरी के पैसे व जेवर रिकवर करने का दावा करें, लेकिन मालखाना में लाखों रुपए व जेवर क्यों पड़े रहे? पुलिस ने उनको न्यायालय में क्यों नहीं जमा कराया? क्या यह कृत्य पुलिस अधिकारियों की लापरवाही को नहीं दर्शा रही है। यदि लापरवाही है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है?

कोतवाली थाना का मालखाना प्रभारी/प्रधान आरक्षक (मुंशी) राजीव पंद्रे डेढ़ वर्ष से चोरी कर रहा था। उसको जब जरूरत होती व मालखाना से रुपए व जेवर चुराता और सिवनी व महाराष्ट्र जाकर जुआ में हार जाता था।

कोतवाली थाना के मालखाना में करीब तीन साल में दर्ज 32 अपराधों में जब्त किए गए लाखों रुपए व जेवर चालान पेश करने के दौरान या बाद में न्यायालय में जमा नहीं किया गया। जबकि यह प्रावधान है कि चालान जब्त राशि व जेवर न्यायालय में जमा किया जाए। ऐसे में कोतवाली पुलिस ने यह लापरवाही क्यों की?

पूर्व के आकड़ों पर गौर करें तो बालाघाट सहित मप्र के अलग-अलग जिलों में मालखाना से पैसा व जेवर चोरी होने के मामले सामने आते रहे हैं। इसको लेकर पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियों के थानों के वार्षिक व अद्र्धवार्षिक निरीक्षण में मालखाना का सत्यापन किए जाने के भी निर्देश दिए जाते रहे हैं। इसके बावजूद अनुशासन व कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाने वाली पुलिस ने इतनी बड़ी चूक क्यों की? क्या इस लापरवाही के लिए पुलिस अधिकारियों से जवाब तलब नहीं किया जाना चाहिए? यदि संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर इस संबंध में सवाल-जवाव नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहेगी।

बालाघाट पुलिस का सिवनी में छापा, एसपी दो घंटे जमे रहे कोतवाली में कोतवाली थाना के मालखाना से चोरी के मामले में बालाघाट पुलिस ने शुक्रवार की सुबह सिवनी निवासी गोलू लाल के घर पर छापा मारा है। पुलिस ने वहां से बड़े पैमाने पर नकदी सहित अन्य की जब्ती बनाई है। हालांकि किसी पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। जंगल में चल रहे ऑपरेशन से लौटने के बाद पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने करीब दो घंटे तक कोतवाली थाना में बैठकर पूरे मामले की जानकारी ली।

पुलिस अधीक्षक ने शनिवार को भी इस मामले की विवेचना कर रही डीएसपी प्रतिष्ठा राठौड़ व सीएसपी वैशाली सिंह से लंबी बातचीत की है। बताया जा रहा है कि इस मामले में सिवनी निवासी मिंटू ठाकुर का भी नाम जुड़ रहा है। वह सिवनी जिले में जुआ फड़ सजाने का आरोपी है। उसके खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है या नहीं इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।