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22 वर्ष पहले बिहार से आकर बसा, दो किशोर की हत्या के बाद, परिवार समेत खुद को किया आग के हवाले, 6 मौतों से दहल उठा गांव

बिहार के भागलपुर जिले से बहराइच में आकर बसे किसान विजय मौर्य ने बुधवार को गांव में खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। लहसुन की बोआई से इनकार पर दो किशोरों की हत्या करने के बाद उसने पत्नी और बेटियों संग कमरे में खुद को बंद कर आग लगा ली। पूरा परिवार जिंदा जल गया।

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बिहार

घटना के बाद मौके पर पुलिस अधिकारी पुलिस टीम फोटोसोर्स पत्रिका

बहराइच जिले के निंदुरपुरवा टेपरहा गांव में बुधवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। गांव के रहने वाले किसान विजय कुमार मौर्य (45) ने खेत में लहसुन की बुवाई करने से इनकार पर गुस्से में आकर दो किशोरों की धारदार हथियार से हत्या कर दी। इसके बाद उसने अपनी पत्नी, दोनों बेटियों और मवेशियों को कमरे में बंद कर गैस सिलेंडर से आग लगा दी।

आग की लपटों को देखकर गांव के लोग पहुंचे तो आंगन में दो किशोर का खून से लथपथ शव पड़ा देख ग्रामीण सहम गए। जिसकी सूचना पुलिस और दमकल कर्मियों को दी गई। घटनास्थल पर पहुंचे पहुंचे दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। दरवाजा तोड़ा तो अंदर विजय, उसकी पत्नी धीरज कुमारी बेटियां प्रियांशी 10 वर्ष, रियांशी 8 वर्ष के जले हुए शव मिले। मवेशियों की भी जलकर मौत हो गई। पुलिस ने घटना के बाद विजय के भाइयों मनोज और अजय को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। दोनों ने बताया कि एक साल पहले सड़क हादसे में विजय के इकलौते बेटे की मौत हो गई थी। जिसके बाद से वह मानसिक रूप से अस्थिर हो गया था। और अक्सर पत्नी व बच्चियों के साथ मारपीट करता था।

बिहार के भागलपुर से आया था विजय

पुलिस के अनुसार, विजय मूल रूप से बिहार के भागलपुर जिले नवगछिया का रहने वाला था। करीब 22 साल पहले वह बहराइच आकर बस गया। उसने पांच एकड़ जमीन खरीदकर खेती करने लगा। बाद में गांव के अन्य किसानों की जमीन भी बटाई पर ले ली थी।

किशोरों से कहासुनी के बाद हत्या

बुधवार सुबह विजय ने गांव के किशोर सूरज यादव (14), सनी वर्मा (13) और किशन यादव (15) को लहसुन की बुवाई के लिए बुलाया। लेकिन सूरज और सनी ने महानवमी का हवाला देकर काम से इनकार कर दिया। विवाद के दौरान किशन को बाहर भेजने के बाद विजय ने गुस्से में दोनों पर धारदार हथियार से हमला कर उनकी हत्या कर दी।
हत्या के बाद उसने घर के आंगन में खड़े ट्रैक्टर और अन्य सामानों में आग लगा दी। फिर मवेशियों और परिवार को कमरे में बंद कर खुद भी आग के हवाले कर दिया। आग लगते ही घर से परिजनों की चीखें सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने आंगन में पड़े सूरज और सनी के शव देखे तो दहशत में आ गए। फायर ब्रिगेड और पुलिस टीम ने पहुंचकर आग बुझाई और दरवाजा तोड़ा, लेकिन तब तक भीतर सभी की मौत हो चुकी थी। शवों को टांड़ (घर की दुछत्ती) से उतारा गया।

पुलिस की जांच जारी

मौके पर पहुंचे आईजी देवीपाटन मंडल अमित पाठक ने बताया कि हत्या और आत्मदाह की वजह स्पष्ट नहीं है। फोरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। फिलहाल पुलिस ने गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीएसी तैनात कर दी है।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

मृतक सूरज परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी मौत की खबर सुनकर दादा गुरुवचन गुमसुम होकर शव के पास बैठ गए। वहीं, पिता लक्षीराम और मां का रो-रोकर बुरा हाल था।

दूसरी शादी से थीं दो बेटियां

जानकारी के अनुसार, विजय की पत्नी धीरज उसकी दूसरी पत्नी थी। पहली पत्नी की मौत करीब दस साल पहले हुई थी। जिससे विजय को एक बेटी कंचन हुई थी। कंचन की शादी तीन साल पहले कर दी गई थी। वह रिसिया क्षेत्र में अपने ससुराल में रहती है। घटना से एक दिन पहले कंचन मायके आई थी। लेकिन मंगलवार रात अपने पति के साथ वापस लौट गई थी।