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स्टांप शुल्क में 400% तक बढ़ोतरी, छोटे दस्तावेज़ से लेकर प्रॉपर्टी एग्रीमेंट भी हुए महंगे, ये है कारण

MP News: मध्यप्रदेश सरकार ने 11 साल बाद स्टांप शुल्क में 400% तक बढ़ोतरी कर दी है। शपथ पत्र, किराया अनुबंध, प्रॉपर्टी डील महंगे हुए, जिससे मध्यमवर्गीय परिवारों की मुश्किलें बढ़ गईं।

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stamp duty hike Geo Tagging property affidavit badwani mp news

stamp duty hike Geo Tagging property affidavit badwani (फोटो- सोशल मीडिया)

Stamp Duty Hike: प्रदेश सरकार ने 11 साल बाद स्टांप शुल्क में भारी बढ़ोतरी कर दी है। बड़वानी में जमीन या प्रॉपर्टी के अनुबंध, शपथ पत्र, पावर ऑफ अटॉर्नी, दान पत्र और किराया एग्रीमेंट जैसे 12 प्रकार के दस्तावेज अब पहले से कई गुना महंगे हो गए हैं। आमतौर पर 50 रुपए में होने वाला शपथ पत्र अब 200 रुपए में मिलेगा, जबकि संपत्ति खरीद के अनुबंध पर 1000 के स्थान पर 5000 रुपए स्टांप शुल्क देना होगा। इसी तरह अन्य दस्तावेजों पर भी 100 से लेकर 100 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है। (mp news)

रजिस्ट्री अधिनियम में किया गया संशोधन

स्टांप ड्यूटी में वृद्धि के साथ ही रजिस्ट्री अधिनियम में भी संशोधन किया गया है। अब होम लोन और कृषि ऋण खत्म होने के बाद बैंक को दस्तावेज ऑनलाइन भेजने की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे पक्षकार को दोबारा रजिस्ट्री कराने की जरूरत नहीं होगी। पूरी प्रकिया ई-फाइलिंग के जरिए संपन्न होगी। (mp news)

नई दरें 9 सितम्बर 2025 से लागू

सरकार का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना बताया जा रहा है, लेकिन मध्यमवर्गीय परिवारों पर बोझ बढने से लोगों में नाराजगी है। कई पक्षकारों का कहना है कि पहले जो दस्तावेज आसानी से हो जाते थे, अब उनकी लागत कई गुना हो गई है। कई लोग दबी आवाज में इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। रजिस्ट्रार ओमप्रकाश पाटीदार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 9 सितम्बर 2025 से जमीन, प्रॉपर्टी अनुबंध, शपथ पत्र और अन्य दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी बढ़ाई है। यह उच्च स्तरीय निर्देश है, जिसका पालन किया जा रहा है। (mp news)

जियो टैगिंग के कारण बढ़े दाम

सब रजिस्टार कार्यालय बड़वानी में पक्षकारों ने बताया कि रजिस्ट्री के दौरान सबसे अधिक समस्या जियो टैगिंग (Geo Tagging) पर आ रही है। संपदा 2.0 व्यवस्था में सभी रजिस्ट्री अनिवार्य की गई हैं। ऐसे में करीब 50 प्रतिशत भूखंडों की लोकेशन सटीक नहीं मिल रही, जिससे पक्षकार और सर्विस प्रोवाइडर दोनों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। हालांकि नई व्यवस्था में अब गवाहों को पंजीयक कार्यालय आने की जरूरत नहीं है।

मिडिल क्लास पर बढ़ा आर्थिक बोझ

स्टांप ड्यूटी बढ़ने का सीधा असर मध्यम और निम्न वर्गीय परिवारों पर पड़ा है। शपथ पत्र, किराए के अनुबंध और छोटे-छोटे सरकारी कार्यों के लिए आवश्यक दस्तावेज अब कई गुना महंगे हो गए हैं। इससे नौकरीपेशा और किरायेदार वर्ग सबसे अधिक परेशान है। (mp news)