MP News- बड़वानी जिले के जुलवानिया में गुरूवार को एक मामला सामने आया जिसमें एक पांच साल के बच्चे को बुखार होने पर परिजन मंगलवार शाम गांव के ही बंगाली डॉक्टर के पास लेकर गए। यहां डॉक्टर ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया। इलाज के बाद बालक की दूसरे दिन बच्चे की तबीयत बिगड़ी और कूल्हे (त्वचा) पर काले चकत्ते पड़ने लगे। परिजन फिर बंगाली डॉक्टर के पास गए लेकिन डॉक्टर ने उन्हें आश्वस्त कर लौटा दिया।
तीसरे दिन परिजन बच्चे को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर भी गए जहां डॉ. देवेंद्र रोमड़े ने बालक का इलाज किया। परिजन बालक को लेकर वापस घर आ गए। जहां करीब तीन बजे बालक ने दम तोड़ दिया। बालक के मृत होने पर भी इंजेक्शन लगाई जगह (कूल्हे) व जांघ पर काले चकत्ते पड़ते गए और अंडकोष में सूजन आ गई।
मृतक बच्चे लव के पिता संतोष बड़ोले ने बताया कि बंगाली डॉक्टर मानस मुखर्जी के इलाज और इंजेक्शन के इंफेक्शन से ही मेरे बच्चे की मौत हुई। बच्चे की मौत के बाद बंगाली डॉक्टर (Quack Doctor) अपने घर पर ताला लगा फरार हो गया। जुलवानिया में करीब 12 वर्षों से रह रहा बंगाली डॉक्टर पहले आदिवासी बहुल गांवों में बाइक से घूम-घूमकर इलाज करता था। कुछ वर्षों से उसने बालसमुद में अपना क्लीनिक खोला लिया है।
बालक की मौत के बाद परिजन ने पुलिस को सूचित कर डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजन को सौंप दिया दिया गया है। पोस्टमार्टम डॉक्टरों का कहना है कि शुरूआती जांच में बच्चे की मौत में इंजेक्शन के ओवर डोज व इंटरनल ब्लीडिंग की वजह हो सकती है, लेकिन विसरा जांच में ही स्पष्ट हो पाएगा कि मौत का वास्तविक कारण क्या है। थाना प्रभारी जुलवानिया रामकुमार पाटील ने बताया कि मामला जांच में लिया है। पीएम रिपोर्ट आने पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
08 Aug 2025 03:26 pm