कौन थे महंत राम मिलन दास? फोटो सोर्स-X
UP News: अयोध्या के रावत मंदिर के महंत राम मिलन दास का निधन रहस्यमय परिस्थितियों में हो गया। शनिवार की शाम खाना खाने के बाद अचानक उनके मुंह से झाग निकलने लगा। जिसके बाद शिष्यों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
48 साल के राम मिलन दास पिछले 15 सालों से रावत मंदिर के महंत थे। राम मिलन दास कुशीनगर जिले के बड़हरा गांव के रहने वाले थे। 2 महीने पहले ही उन्होंने मंदिर की रामघाट स्थित जमीन 8 करोड़ रुपये में बेची थी। इसके पैसे उनके बैंक अकाउंट आए थे। इस रकम के अलावा उनके खाते में पहले से ही करीब डेढ़ करोड़ रुपये की रकम थी। कुल रकम लगभग साढ़े 9 करोड़ रुपये के करीब उनके खाते में थी।
मामले को लेकर कोतवाली प्रभारी मनोज शर्मा का कहना है कि फिलहाल मौत का कारण साफ नहीं है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं संपत्ति के पैसे इस मौत की वजह तो नहीं बने। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण पता लग सकेगा।
वहीं मामले में मंदिर में सेवा करने वाली सेविका को पुलिस ने हिरासत में लिया है। सेविका पिछले 13 साल से महंत की सेवा कर रही थी। उससे पूछताछ की जा रही है। जबकि इससे पहले उनकी मां भी आश्रम की सेवा में थीं।
महंत राम मिलन के शिष्यों की माने तो शनिवार शाम करीब 7 बजे उन्होंने भोजन किया, जिसे सेविका ने परोसा था। कुछ देर बाद सेविका बाहर आकर जोर-जोर से चिल्लाने लगी और कहा कि महंत जी के मुंह से झाग निकल रहा था। उसकी चीख सुनकर सारे शिष्य तुरंत कमरे में पहुंचे। उन्हें जल्दी से श्रीराम अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर्स ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
महंत राम मिलन के गुरु राम दास कोकिल राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख संतों में शामिल थे। बताया जाता है कि वह उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ के भी करीबी रहे हैं। अयोध्या पहुंचने पर CM योगी कई बार रावत मंदिर में जाकर उनसे मिलते रहे हैं।
Updated on:
12 Oct 2025 02:06 pm
Published on:
12 Oct 2025 01:51 pm
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