अयोध्या में कार्तिक मेला 31 अक्टूबर से 5 नवंबर तक आयोजित होगा (फोटो सोर्स : Ai )
Ayodhya Kartik Mela: राम नगरी अयोध्या में इस वर्ष प्रांतीयकृत कार्तिक मेला 31 अक्टूबर से 5 नवंबर तक आयोजित होगा। मेले में लगभग 20 से 25 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आयोजित होने वाला यह मेला अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस अवसर पर श्रद्धालु 14 कोसी परिक्रमा, देवउठनी एकादशी पर 5 कोस परिक्रमा और पूर्णिमा स्नान में भाग लेकर पुण्य अर्जित करेंगे।
अयोध्या में कार्तिक मास की अक्षय नवमी तिथि पर आयोजित होने वाली 14 कोसी परिक्रमा विशेष धार्मिक महत्व रखती है। यह परिक्रमा साल में एक बार होती है और श्रद्धालु अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में लगभग 42 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। परिक्रमा शुरू करने से पहले श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान कर पुण्य प्राप्त करते हैं। इसके बाद वे निर्धारित मार्ग पर चलते हैं। इस वर्ष अक्षय नवमी 31 अक्टूबर की सुबह 4:50 बजे शुरू होकर 1 नवंबर की सुबह 4:41 बजे तक चलेगी।
श्रद्धालु जहां से परिक्रमा शुरू करते हैं, वहीं समाप्त भी होती है। परंपरा के अनुसार यह यात्रा न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
अक्षय नवमी के बाद अयोध्या में देवउठनी एकादशी पर 5 कोस परिक्रमा आयोजित की जाती है। यह परिक्रमा अयोध्या की धार्मिक सीमा के भीतर लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय करती है। इस वर्ष देवउठनी एकादशी 2 नवंबर की सुबह 4:02 बजे से शुरू होगी और रात 2:57 बजे तक चलेगी। इस अवसर पर श्रद्धालु भगवान राम की जयंती और देवताओं के उठाए जाने की परंपरा को याद करते हुए धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होंगे।
कार्तिक मास का अंतिम महत्वपूर्ण अनुष्ठान पूर्णिमा स्नान है। यह स्नान 5 नवंबर की भोर से शुरू होगा। श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान कर पाप नाश और पुण्य अर्जित करेंगे। पूर्णिमा स्नान के साथ ही कार्तिक मेला 2025 का समापन होगा।
अयोध्या प्रशासन ने मेले की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए विशेष तैयारियां की हैं। इसके तहत प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विशेष ध्यान रखा है।
प्रमुख इंतजामों में शामिल हैं
सुरक्षा के लिए प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरे, यातायात नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग और आपातकालीन वाहन व्यवस्था की भी तैयारी की है।
इस मेले में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम, भजन-कीर्तन, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी आयोजित की जाती हैं, जिससे श्रद्धालु धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
कार्तिक मेला न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। लाखों श्रद्धालुओं के आगमन से स्थानीय व्यापारियों और पर्यटन उद्योग को भी लाभ होता है।
Published on:
12 Oct 2025 05:34 pm
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