Gift Astrology: अजमेर की ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार आप में से बहुत कम ही लोग जानते हैं कि आपके दिए हुए गिफ्ट या फिर आपको मिले हुए उपहार ग्रहों पर बेहद गहरा असर डालते हैं (Gift Astrology Men) ।
शर्मा के अनुसार जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को किसी वस्तु का दान देता है तो धारणा होती है कि अशुभ फल देने वाले ग्रहों से संबंधित वस्तु को बांट दिया जाए, ताकि उसकी अशुभता को कम किया जा सके।
इसी तरह आप अनजाने में ही अपने शुभ फलदायी ग्रहों से संबंधित किसी वस्तु को दान या उपहारस्वरूप बांट देते हैं तो उसकी शुभता में भी कमी आ जाती है। इसकी वजह से वो संबंधित शुभ ग्रह उस साल व्यक्ति को अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाता है। यहां तक की कंगाल तक कर देता है। ज्योतिषी से जानते हैं कुडंली में किस ग्रह के मजबूत होने पर किस चीज का उपहार या दान देने से बचना चाहिए।
यदि आपकी कुंडली में सूर्य अच्छी स्थिति में हो तो तांबे से बनी वस्तु, माणिक्य, पुरातन महत्व की वस्तु, विज्ञान से संबंधित वस्तु ग्रहण करना उचित रहता है। वहीं अगर कुंडली में सूर्य नीच या खराब जगह हो तो ये सभी चीजें उपहार में देना उचित माना जाता है। ऐसा न करने पर पदोन्नति में रूकावटें, पिता को कष्ट आदि जैसे संबंधित फल मिल सकते हैं।
चांदी की बनी वस्तु, चावल, सीप, मोती, आदि सभी चीजें चंद्रमा का कारक मानी जाती हैं। ये सभी वस्तुएं कुडंली में चंद्रमा की स्थिति खराब होने पर दूसरों को भेंट करना चाहिए, न कि ग्रहण करना चाहिए। ये सभी वस्तुएं तभी ग्रहण करें जब चंद्रमा अच्छी स्थिति में हो वर्ना घर में कलह, चिंता, व्यर्थ भागदौड़ आदि हो सकती है।
यदि आपकी कुंडली में मंगल खराब का हो तो दूसरे व्यक्ति से मिठाई का डिब्बा उपहार में स्वीकार न करें। बल्कि ऐसी स्थिति में मिठाई का डिब्बा दूसरे व्यक्ति को देने में बिल्कुल भी संकोच न करें।
यदि कुंडली में बुध की दशा खराब हो तो कभी भी दूसरे व्यक्ति को कलम, खिलौने, खेलकूद का सामान दान न करें, अन्यथा व्यापार में या छोटी बहन को तकलीफ हो सकती है। कुंडली में बुध यदि अच्छी जगह हो तो ये सभी चीजों लेने में संकोच न करें।
यदि आप अपने गुरु की स्थिति को अच्छा करना चाहते हैं तो लोगों को धार्मिक पुस्तकें, सोने से बने उपहार, पीले वस्त्र, केसर आदि का दान करें। लेकिन अगर कुंडली में गुरु शुभ फलदाता के रूप में विराजमान है तो इन चीजों का दान करने से बचें, क्योंकि ऐसा करने से गुरु के शुभ फलों में कमी आ सकती है।इसकी वजह से धन की कमी, व्यापार या सरकारी सेवा में तरक्की में रूकावटें आ सकती हैं।
सुगंधित द्रव्य, रेशमी वस्त्र, चार पहिया वाहन, सुख-सुविधा का सामान, स्त्रियों के काम आने वाली वस्तुएं ये सभी चीजें शुक्र का कारक मानी जाती हैं। अगर कुंडली में शुक्र अशुभ फलदायी हो तो ये सभी चीजें बांटें, लेकिन ग्रहण करना उचित नहीं है। ऐसा करने पर व्यक्ति को बिना किसी वजह स्त्रियों से पीड़ा, वैमनस्य, मूत्र रोग परेशान कर सकते हैं।
यदि कुंडली में शनि की दशा खराब हो तो पार्टियों में शराब परोसने से बचें, लेकिन अच्छा शनि हो तो ऐसी पार्टियों में जाएं, परंतु स्वयं आयोजन नहीं करें।
बिजली के उपकरण, कार्बन, दवाइयां इन सभी वस्तुओं का संबंध राहु से होता है। शुभ फल दे रहा है तो इनसे संबंधित चीजें गिफ्ट में न दें और अशुभफल कारक है तो ग्रहण करने में संकोच न करें।
कंबल, जूते, चप्पल, कुत्ता, चाकू, छुरी, मछली से बने व्यंजन आदि वस्तुएं केतु से जुड़ी हुई होती हैं। विपरीत लेन-देन होने पर व्यक्ति को कान के रोग, पैरों पर चोट और पुत्र को पीड़ा का कारण बन सकता है।
डिस्क्लेमरः यह खबर ज्योतिषाचार्य के मत के आधार पर लिखी गई है। अपने जीवन में कुछ भी लागू करने से पहले अपने ज्योतिषी से इस बारे में चर्चा करना ज्यादा हितकर होगा।
Published on:
22 Jun 2025 12:18 pm