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RAS Success Story: पापा लगाते हैं फल का ठेला, बेटे ने मेहनत से लिखी आरएएस में “सफलता की कहानी”

Student Motivation: छोटे गांव के युवा की बड़ी सफलता: आरएएस में रैंक हासिल कर बनाया नाम, परिस्थितियाँ कोई बाधा नहीं: दृढ़ संकल्प और मेहनत से पूरा हुआ सपना ।

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अलवर

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Rajesh Dixit

Oct 16, 2025

Inspiring Story: अलवर। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आरएएस 2023 भर्ती प्रक्रिया के अंतिम परिणामों के जारी होने के बाद रामगढ़, खैरथल और बहरोड़ के होनहारों ने अपनी मेहनत और लगन से क्षेत्र का नाम रोशन किया है। इस बार का परिणाम युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।

रामगढ़ के सौरव ने 340वीं रैंक हासिल कर राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) परीक्षा में सफलता पाई। सौरव के पिता लक्ष्मण प्रसाद अग्रवाल शहर में फल का ठेला लगाते हैं। मेहनत और संघर्ष के बावजूद सौरव ने पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी और अपनी सफलता से पूरे क्षेत्र को गर्व महसूस कराया। उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया।

इसी तरह बहरोड़ क्षेत्र के गांव नासरपुर के धर्मेन्द्र यादव ने 112वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार और गांव का नाम रोशन किया। धर्मेन्द्र ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया और बताया कि सही मार्गदर्शन व लगातार अभ्यास से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

खैरथल निवासी यशी रावत ने 154वीं रैंक हासिल की। यशी की माता हाल ही में निधन हो गई थी, जबकि उनके पिता अध्यापक हैं। यशी वर्तमान में अलवर कृषि उपज मंडी समिति में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उनकी सफलता पर घर में और क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई।

सौरव, धर्मेन्द्र और यशी की यह कहानी यह संदेश देती है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, दृढ़ संकल्प, मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। छोटे गांवों के युवा इस प्रेरक उदाहरण से सीख सकते हैं कि लगन और मेहनत से बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकती है।