
जिला परिषद अलवर में तीन साल पहले हुई 134 लिपिकों की भर्ती में गड़बड़ियों का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब 22 नए केस सामने आए हैं, जिनकी भर्ती में गड़बड़ी हुई है। इन सभी का बिंदुवार परिवाद शिकायतकर्ताओं की ओर से जिला कलक्टर, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और एसीबी को भेजा गया है।
सभी 22 कर्मचारियों के नाम और गड़बड़ियों का विवरण शिकायत में अंकित किया गया है। इनमें अधिकांश लिपिकों के ऑनलाइन कंप्यूटर विवरण और दस्तावेज सत्यापन के समय दिए प्रमाण पत्रों में अंतर पाया गया है। कुछ के अनुभव प्रमाण पत्र और अध्ययन की अवधि ओवरलैप हो रही है।
विभागीय शासन सचिव के आदेश के बाद राज्य के सभी जिला कलक्टर्स की ओर से इस भर्ती में नियुक्त हुए कर्मचारी के अनुभव अवधि ओवरलैप होने और ऑनलाइन फॉर्म से भिन्न दस्तावेज डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के समय प्रस्तुत करने के मामलों की जांच पूरे राज्य में की जा रही है। पिछले सप्ताह ही बीकानेर सीईओ ने ऐसे 4 लिपिकों को सेवा से बर्खास्त किया है। इस भर्ती के तहत नियुक्त किए गए किसी भी कर्मचारी के दस्तावेजों का सत्यापन जिला परिषद अलवर ने आज तक नहीं कराया। इस भर्ती में अब तक 134 में से 3 लिपिक बर्खास्त हो चुके हैं। करीब 40 से ज्यादा की जांच चल रही है।
तमाम शिकायतों के बाद जांच दल गठित कर दिए गए। कई केस पकड़े भी गए, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। इसको लेकर अलवर सुर्खियों में है। सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर इन्हें कौन बचा रहा है?
ज्यादा अंक होने के बाद भी 15 लोगों की आपत्ति खारिज कर कम अंक वालों को नियुक्ति देने के मामले की जांच एडीएम सिटी बीना महावर कर रही हैं। उन्होंने इससे जुड़े दस्तावेज मांगे, लेकिन अभी तक नहीं मिले। बताया जा रहा है कि परिषद ने इनके कोई भी दस्तावेज होने से मना कर दिया है। यानी परिषद में जमा नहीं हैं।
जिला परिषद की ओर से इनका कोई रिकॉर्ड नहीं दिया गया है। अब शिकायतकर्ता व आपत्ति दायर करने वाले अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। वह जो दस्तावेज देंगे, उस आधार पर जांच आगे बढ़ाएंगे। - बीना महावर, एडीएम सिटी
Published on:
25 Oct 2025 11:24 am
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