सरिस्का टाइगर रिजर्व (फोटो-पत्रिका)
अलवर। सरिस्का की जमीन पर चल रहे होटल, रेस्टोरेंट और रिसॉर्ट को बंद कराने के लिए प्रशासन के पास महज तीन माह का समय है। प्रशासन ने अभी इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया है। सरिस्का बफर व राजस्व बफर एरिया में बने इन होटलों का सर्वे करीब एक साल पहले करवाया जा चुका है। अब केवल प्रशासन को एक्शन लेने की देरी है। हाल ही में पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री संजय शर्मा भी प्रशासन को कार्रवाई के लिए हरी झंडी दे चुके हैं।
सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) ने एक साल पहले सरिस्का का भ्रमण करके यहां की बेहतरी के लिए रिपोर्ट तैयार करके सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी। कोर्ट ने इस रिपोर्ट की 23 सिफारिशों पर काम करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए, लेकिन सरकार ने शपथ पत्र देकर इन सभी कार्यों के लिए एक साल का समय कोर्ट से मांगा था। यह समय नवंबर 2025 में पूरा हो रहा है।
इन्हीं सिफारिशों के तहत जिला प्रशासन को सरिस्का बफर, राजस्व बफर व सीटीएच से एक किलोमीटर के दायरे में बने प्रतिष्ठानों पर एक्शन लेना था। सीईसी को भ्रमण के दौरान जंगल की जमीन पर यह प्रतिष्ठान चलते मिले थे। पूर्व में प्रशासन ने इन प्रतिष्ठानों का सर्वे कराया था, जो टहला, सिलीसेढ़, अजबगढ़ में संचालित हैं।
जंगल की जमीन पर कॉमर्शियल प्रतिष्ठान नहीं हैं। राजस्व बफर एरिया में प्रशासन कार्रवाई करता है। कोर्ट के आदेशों पर तेजी से काम चल रहा है। गांवों का विस्थापन प्रक्रियाधीन है। जमीन प्रशासन मुहैया कराएगा। ईवी बसों के संचालन के लिए रोडवेज को टेंडर करने को पत्र लिखा है। -संग्राम सिंह कटियार, क्षेत्रीय निदेशक, सरिस्का
Updated on:
30 Aug 2025 10:07 am
Published on:
30 Aug 2025 10:03 am
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