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राजस्थान के भिवाड़ी में हवा हुई जहरीली, AQI 256 पार, अलवर में 130 तक पहुंचा, ऐसे करें बचाव

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ रहा है। प्रदूषण में यह बढ़ोतरी विभाग और आमजन दोनों की चिंता बढ़ा रही है।

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अलवर

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Arvind Rao

Oct 20, 2025

Rajasthan Bhiwadi air becomes toxic AQI

Rajasthan pollution level (Patrika Photo)

अलवर: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दिवाली से पहले हवा की गुणवत्ता तेजी से बिगड़ने लगी है। दिल्ली का एक्यूआई (एक्यूआई) 450 के करीब पहुंच गया है, जबकि भिवाड़ी की हवा भी गंभीर श्रेणी की ओर बढ़ रही है।

भिवाड़ी में प्रदूषण स्तर 256 के पार पहुंच चुका है। वहीं, अलवर का एक्यूआई 99 से ऊपर निकलकर 130 तक पहुंच चुका है। रविवार को ग्रेप-2 की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं।


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ रहा है। प्रदूषण में यह बढ़ोतरी विभाग और आमजन दोनों की चिंता बढ़ा रही है। ऐसे में ग्रेप-2 की पाबंदियां लागू लागू हो गई है।


हालांकि, जिले में अभी तक प्रदूषण रोकथाम के ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। बताया जा रहा है कि दिवाली के बाद पटाखों और वाहनों के धुएं से हालात और खराब हो सकते हैं, जिससे दमा और सांस से जुड़ी बीमारियों वाले मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है।


प्रदेश में कई शहरों में हवा प्रदूषित


दिवाली से पहले प्रदेश के कई जिलों में हवा प्रदूषित होने लगी है। भिवाड़ी, बीकानेर, धौलपुर, हनुमानगढ़ का एक्यूआई 215 से 25६ तक पहुंच गया है। वहीं, झालावाड़, प्रतापगढ़, राजसमंद और सिरोही की हवा अभी भी स्वच्छ है, इसके अलावा प्रदेश के अधिकांश जिलों का एक्यूआई 100 से 200 के मध्य है।


हमें भी झेलनी पड़ेंगी पाबंदियां


अलवर में फिलहाल एक्यूआई गंभीर स्तर पर नहीं पहुंचा है। लेकिन एनसीआर का हिस्सा होने की वजह से हमें भी पाबंदियां झेलनी पड़ेगी। लंबे समय से अलवर को एनसीआर से बाहर करने की मांग उठती आई है, लेकिन कोई भी नेता इस मांग को पूरा नहीं करवा पाया।


क्या हैं ग्रेप-2 की पाबंदियां


-निर्माण कार्यों पर आंशिक रोक।
-सड़कों पर पानी का छिड़काव व धूल नियंत्रण।
-डीजल जनरेटर (डीजी सेट) के इस्तेमाल पर रोक।
-सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा और वाहनों की निगरानी।
-कोयला और लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध।


वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) श्रेणी स्थिति


-दिल्ली 450 गंभीर सांस लेना मुश्किल, दृश्यता कम।
-भिवाड़ी 380-400 बहुत खराब औद्योगिक क्षेत्र से बढ़ा धुंआ।
-गुरुग्राम 320 बहुत खराब वाहनों और निर्माण से धूल।
-नोएडा 310 बहुत खराब निर्माण स्थलों की धूल प्रभावी।
-अलवर 99-150 मध्यम से खराब धीरे-धीरे बढ़ रहा स्तर।


स्वास्थ्य पर प्रभाव


-आंखों में जलन, खांसी और गले में खराश बढ़ रही।
-बुजुर्गों और बच्चों को सांस लेने में कठिनाई।
-दमा और हृदय रोगियों के लिए जोखिम दोगुना।


जनता के लिए सुझाव


-सुबह-शाम बाहर टहलने से बचें।
-मास्क का उपयोग करें।
-घरों में एयर प्यूरीफायर या पौधे लगाएं।
-पटाखों की जगह दीयों और रोशनी से मनाएं त्योहार।
-प्रदूषण रोकने के लिए विभाग को करने चाहिए ये इंतजाम
-सड़कों और औद्योगिक क्षेत्रों में नियमित पानी का छिड़काव।
-औद्योगिक इकाइयों में प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की जांच।
-खुले में कचरा और बायोमास जलाने पर सत कार्रवाई।
-स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता अभियान।
-पटाखों की बिक्री और उपयोग पर निगरानी।