Income Tax Department: उत्तर प्रदेश के छह जिलों में इनकम टैक्स ने उन प्रत्याशियों के शपथ पत्रों की जांच शुरू कर दी है। जिन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में ताल ठोकी थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छह जिलों का जिम्मा इनकम टैक्स विभाग की अलीगढ़ यूनिट को मिला है। वहीं इनकम टैक्स की अलीगढ़ यूनिट को जो सूची उपलब्ध कराई गई है। उसमें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव, उनकी पत्नी और मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव समेत पश्चिमी यूपी के छह जिलों के तकरीबन 42 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इनकम टैक्स की इन्वेस्टीगेशन विंग अलीगढ़, हाथरस, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, फर्रूखाबाद के उम्मीदवारों के शपथ पत्र की जांच करेगी।
दरअसल, लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद उम्मीदवारों के शपथ पत्रों की जांच हमेशा आयकर विभाग ही करता है। हालांकि पहले सिर्फ विजेता और उपविजेता के शपथ पत्रों की जांच होती थी। इसमें शपथ पत्र में दिए गए चल-अचल संपत्ति का ब्योरे का मिलान किया जाता है। इस बार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एसओपी में एक मामूली बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद लोकसभा 2024 में नामांकन दाखिल करने वाले सभी उम्मीदवार जांच की जद में आ गए हैं। अब उन उम्मीदवारों के भी शपथ पत्रों की भी जांच होगी, जिन्होंने नामांकन तो किया, लेकिन चुनाव नहीं लड़ा।
अलीगढ़ में भाजपा, सपा, बसपा समेत 14 उम्मीदवारों ने लोकसभा चुनाव लड़ा था। जिसमें भाजपा से सांसद सतीश गौतम को चुनाव में जीत मिली। जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार चौधरी बिजेंद्र सिंह उप विजेता घोषित हुए हैं। वहीं हाथरस में 28 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था। जिसमें नौ उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। हाथरस में भी भाजपा के अनूप प्रधान सांसद निर्वाचित हुए।
इसी तरह कन्नौज से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, मैनपुरी से डिंपल यादव, एटा से देवेश शाक्य और फर्रूखाबाद से मुकेश राजपूत सांसद निर्वाचित हुए हैं। अब इनकम टैक्स विभाग ने लोकसभा चुनाव 2024 में निर्वाचित सांसदों समेत नामांकन करने वाले सभी उम्मीदवारों के शपथ पत्र डाउनलोड करना शुरू कर दिया है। इनकी जांच के लिए पांच से छह इंस्पेक्टर लगाए गए हैं। इन सभी शपथ पत्रों की जांच अगस्त में पूरी करनी है। इसके बाद रिपोर्ट आगरा भेजनी होगी। आगरा से इसकी रिपोर्ट सीबीडीटी को भेजी जाएगी।
अलीगढ़ आयकर विभाग के उप निदेशक अन्वेषण एके सिंह ने बताया "इन्वेस्टीगेशन विंग लोकसभा चुनाव में आय को लेकर दाखिल किए गए शपथ पत्र और पूर्व में दाखिल रिटर्न का मिलान करेगी। रिटर्न और शपथ पत्र में दिए गए चल अचल संपत्ति के ब्योरे की जांच की जाएगी। अगर किसी प्रत्याशी की घोषित संपत्ति से अधिक आय मिलती है तो इसमें जांच अधिकारी संबंधित उम्मीदवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगेगें। जिन्होंने साल 2019 और 2024 में लगातार चुनाव लड़ा है। उनके पिछले चुनाव के भी शपथ पत्र भी जांच की जद में आएंगे।"
आयकर विभाग के उप निदेशक अन्वेषण एके सिंह ने बताया "आयकर विभाग की जांच में लोकसभा चुनाव 2024 में दाखिल शपथ पत्र और रिटर्न में अंतर मिलने पर संबंधित उम्मीदवारों पर टैक्स अधिरोपित किया जाएगा। जांच में इस बार एक और बदलाव किया गया है। जिन उम्मीदवारों ने पैन नंबर शपथ पत्र में नहीं दाखिल किया है और उनकी आय पांच करोड़ रुपये है तो उनकी नए सिरे आय की जांच की जाएगी। शासन से मिली सूची के अनुसार सभी उम्मीदवारों के शपथ पत्रों की जांच शुरू कर दी गई है। अगर कोई अनियमितता मिलेगी तो नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।"
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Updated on:
16 Jul 2024 12:20 pm
Published on:
16 Jul 2024 12:13 pm