Sawan Ka Tisra Somwar : सावन का महीना शिव भक्तों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होता, और इसमें आने वाले हर सोमवार का अपना खास महत्व है। लेकिन इस बार का तीसरा सावन सोमवार 28 जुलाई 2025, प्रेम, विवाह और रिश्तों में मिठास घोलने के लिए कुछ बेहद खास संयोग लेकर आ रहा है! यह सिर्फ पूजा का दिन नहीं, बल्कि अपने जीवन में खुशियों की सौगात लाने का एक सुनहरा अवसर है। तो आइए जानते हैं कैसे इस दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर आप अपनी हर मनोकामना पूरी कर सकते हैं।
सावन के तीसरे सोमवार को पवित्र सोमवार भी कहते हैं। कहते हैं कि इस दिन महादेव की ऊर्जा अपने चरम पर होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए इसी दिन कठोर तपस्या की थी और उनकी तपस्या पूरी भी इसी दिन हुई थी। इसलिए जो युवा मनचाहा जीवनसाथी पाना चाहते हैं उनके लिए यह दिन वरदान से कम नहीं। वहीं विवाहित जोड़े अपने रिश्ते में प्रेम और सौहार्द बढ़ाने के लिए इस दिन व्रत रखते हैं। इस दिन की गई पूजा से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है संतान प्राप्ति के योग बनते हैं और रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
साल 2025 में सावन का तीसरा सोमवार 28 जुलाई, 2025 को शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पड़ रहा है। चतुर्थी तिथि 27 जुलाई, रविवार को रात 10 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 28 जुलाई, सोमवार को रात 11 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी।
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:17 बजे से 04:59 बजे तक
प्रातः सन्ध्या: सुबह 04:38 बजे से 05:40 बजे तक
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:55 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:43 बजे से 03:37 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:15 बजे से 07:36 बजे तक
सायाह्न सन्ध्या: शाम 07:15 बजे से 08:17 बजे तक
अमृत काल: सुबह 10:52 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक
रवि योग: सुबह 05:40 बजे से शाम 05:35 बजे तक
इस पावन दिन पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है:
पवित्र स्नान और नीले वस्त्र: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगाजल मिले पानी से स्नान करें। इससे तन और मन दोनों शुद्ध होते हैं। स्नान के बाद नीले रंग के वस्त्र पहनें, क्योंकि यह रंग शिव-पार्वती दोनों को बहुत प्रिय है और शांति, समर्पण और स्थिरता का प्रतीक है।
ध्यान और मौन: पूजा से पहले कम से कम 21 मिनट तक मौन रहकर ध्यान करें। यह आपकी इच्छाशक्ति को मजबूत करेगा और आपकी मनोकामनाओं को पूरा करने में मदद करेगा।
पूजा का संकल्प: पूजा शुरू करने से पहले भगवान शिव के सामने अपने मन में व्रत या पूजा का संकल्प लें।
अभिषेक: शिवलिंग पर सबसे पहले जल चढ़ाएं, फिर दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल (पंचामृत) से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते रहें।
सामग्री अर्पित करें: अभिषेक के बाद भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, आक के फूल, कनेर के फूल, सफेद चंदन, अक्षत (चावल), रोली और मौसमी फल अर्पित करें। घी का दीपक जलाएं और धूप करें।
गुलाब के फूल: प्रेम, आकर्षण और सौंदर्य के लिए।
केवड़ा जल: मन को शीतलता और रिश्तों में मधुरता के लिए।
मिश्री: जीवन और संबंधों में मिठास बढ़ाने के लिए।
जाप: "ॐ महादेवाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र प्रेम, करुणा और आत्मिक जुड़ाव को बढ़ाता है। जाप करते समय अपनी प्रेम या विवाह से जुड़ी मनोकामना को मन में दोहराएं।
नंदी बाबा को गुड़ और चना: रिश्तों में मिठास, स्थायित्व और सहयोग के लिए नंदी बाबा को गुड़ और चना अर्पित करें। मान्यता है कि नंदी बाबा भक्तों की बात सीधे भोलेनाथ तक पहुंचाते हैं।
कुंवारी कन्याओं के लिए पारद शिवलिंग: जो कन्याएं मनचाहा वर चाहती हैं, उन्हें इस दिन पारद शिवलिंग (Mercury Shivling) की विशेष पूजा करनी चाहिए। पारद शिवलिंग को सबसे शक्तिशाली और सिद्ध स्वरूप माना जाता है, जो विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
सावन के तीसरे सोमवार का व्रत करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
इस सावन के तीसरे सोमवार को सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव की आराधना करें। निश्चित तौर पर भोलेनाथ आपकी हर मनोकामना पूरी करेंगे और आपके जीवन को सुख-समृद्धि से भर देंगे। तो तैयार हो जाइए इस खास दिन के लिए!
Published on:
23 Jul 2025 02:16 pm