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विश्व खाद्य दिवस: भूख के साये में दुनिया, आधे पेट पर जीते करोड़ों लोग

पूरी दुनिया आज विश्व खाद्य दिवस मना रही है, लेकिन आज भी करोड़ो लोग ऐसे हैं जो आधे पेट पर जीवनयापन करने को मजबर हैं। जानिए, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत कहां खड़ा है..., पढ़ें विनोद शर्मा की ये रिपोर्ट

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World Food Day

विश्व खाद्य दिवस (फोटो-IANS)

World Food Day: दुनिया 16 अ€टूबर यानी आज ’विश्व खाद्य दिवस’ मना रही है। इस साल की थीम है- ’बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य के लिए हाथ में हाथ’। हर बच्चे को सुपोषित होकर बड़ा होने का हक है, लेकिन दुनियाभर के लाखों बच्चों के लिए भूख उनकी रोजमर्रा की सच्चाई है। दुनिया में करीब 67.3 करोड़ लोग भूख से जूझ रहे हैं, जो कुल आबादी का 8.2% हिस्सा है। संयु€क्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 2.3 अरब लोग किसी न किसी स्तर पर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं।

भूख का वैश्विक चेहरा

संयु€त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन की 2024 की रिपोर्ट में कहा गया है कि 53 देशों के दो करोड़ 95 लाख लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे हैं। युद्ध इस समस्या का मुख्य कारण है। नाइजीरिया, सूडान, कांगो, बांग्लादेश, इथियोपिया, यमन, अफगानिस्तान, म्यांमार, पाकिस्तान और सीरिया में करोड़ों लोगों के दिन की शुरुआत भूख की जंग से होती है।

भारत खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर है, लेकिन वितरण असमानता आज भी चुनौती है। ग्लोबल हंगर इंडे€स-2024 में भारत 127 देशों में से 105वें स्थान पर है। यहां की 13.7 फीसदी आबादी को पर्याप्त पोषण नहीं मिल रहा। भारत का जीएचआई स्कोर 27.3 है, जो भूख के स्तर को ’गंभीर’ के रूप में वर्गीकृत करता है। हालांकि, पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली ने कुछ राहत दी है।

हर साल 1.05 अरब टन भोजन की बर्बादी

दुनियाभर में हर साल लगभग 1.05 अरब टन भोजन बर्बाद होता है। यह कुल उपलŽध भोजन का लगभग 19 फीसदी है। वहीं, भारत में हर वर्ष करीब 92 हजार करोड़ मूल्य का भोजन बर्बाद होता है। यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत हर साल 7.4 करोड़ टन से ज्यादा भोजन बर्बाद करता है, जो कुल उत्पादित भोजन का लगभग 22 फीसदी है। यह एक गंभीर समस्या है,
€योंकि देश में 19 करोड़ से ज्यादा लोग रात को भूखे सोते हैं।