अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी (फोटो- आईएएनएस)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अक्सर अपने बयानों और फैसलों को लेकर सुर्खियों में छाए रहते है। पिछले कई महीनों से भारत के रूसी तेल आयात करने को लेकर भी उन्होंने खुल कर बयानबाजी की है। इसी कड़ी में हाल ही उनका एक नया बयान सामने आया है जिसने बवाल खड़ा कर दिया है। ट्रंप ने दावा किया है कि पीएम मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि अब से भारत रूसी तेल नहीं खरीदेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दावे के ठीक बाद भारतीय विदेश मंत्रालय की इसे लेकर प्रतिक्रिया सामने आई है और उन्होंने यह साफ कर दिया है कि सरकार सभी फैसले देश के लोगों के हितों को ध्यान में रख कर ही लेगी।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में जहां ट्रंप के दावों से सहमति नहीं जताई वहीं उनका खंडन भी नहीं किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "भारत, तेल और गैस का एक महत्वपूर्ण आयातक है। अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना हमारी निरंतर प्राथमिकता रही है। हमारी आयात नीतियां पूरी तरह इसी के आधार पर हैं। स्थिर ऊर्जा मूल्य और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दोहरे लक्ष्य रहे हैं। इसमें हमारी ऊर्जा स्रोतों का विस्तार करना और बाजार को देखते हुए आवश्यक बदलाव करना भी शामिल है।"
जायसवाल ने आगे कहा, "जहां तक अमेरिका का संबंध है, हम कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दशक से यह प्रक्रिया लगातार बढ़ रही है। अमेरिका के वर्तमान प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है। इस पर चर्चाएं जारी हैं। विदेश मंत्रालय के बाद रूस के एंबेसडर डेनिस अलीपोव की भी इस मामले में बयान सामने आया है। हालांकि उन्होंने भी सीधे तौर पर इसका कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, "भारत रूस से अपना एक-तिहाई कच्चा तेल खरीदता है। रूस बाजार लागत के प्रभावी विकल्प है।"
बता दें कि बुधवार देर शाम ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी को अपना अच्छा दोस्त और भारत को एक अविश्वसनीय देश बताया था। इस दौरान ट्रंप ने यह भी दावा किया था कि, पीएम मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत अब और रूसी तेल नहीं खरीदेगा। ट्रंप ने कहा, "मोदी एक महान व्यक्ति हैं। वह ट्रंप से प्यार करते हैं।"
ट्रंप ने आगे कहा, "पीएम मोदी ने आज मुझे आश्वासन दिया कि वह रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। इसे तुरंत नहीं किया जा सकता है। यह एक प्रक्रिया है, लेकिन यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी, और हम राष्ट्रपति पुतिन से बस यही चाहते हैं कि वह युद्ध रोकें। कुछ ही समय में वह रूस से तेल खरीदना बंद कर देंगे और युद्ध समाप्त होने के बाद वे फिर से रूस से तेल का व्यापार करेंगे।" साथ ही ट्रंप ने यह भी कहा कि वह चीन पर भी ऐसा ही करने का दबाव डालेंगे।
Updated on:
16 Oct 2025 01:36 pm
Published on:
16 Oct 2025 01:34 pm
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