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यूक्रेन के हवाई हमलों से दहल उठा रूस, 12 लोगों की मौत से मचा कोहराम

Drone Attacks Russia: यूक्रेन के ड्रोन हमलों से रूस के कई क्षेत्रों में हड़कंप मच गया, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई।

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Drone Attacks Russia

यूक्रेन का रूस पर जबरदस्त ड्रोन हमला। (फोटो: द वाशिंगटन पोस्ट.)

Drone Attacks Russia: रूस के विभिन्न हिस्सों में यूक्रेन के ड्रोन हमलों (Ukraine airstrikes shake Russia) ने रात भर तूफान ला दिया। अधिकारियों के अनुसार, इन संदिग्ध हमलों से कम से कम 12 लोगों की जान चली गई (12 people killed in chaos), जबकि कई अन्य जख्मी हो गए। यह घटना चेल्याबिंस्क क्षेत्र के कोपेस्क कस्बे में एक फैक्ट्री पर हुए विस्फोट (Drone Attacks Russia) से शुरू हुई, जहां बुधवार रात को धमाका होने से भारी तबाही मच गई। स्थानीय मीडिया और प्रशासन ने बताया कि यह हमला रूसी सेना से जुड़े प्लास्टिक उत्पादन संयंत्र को निशाना बना रहा था, जो पश्चिमी प्रतिबंधों के दायरे में है। इस घटना ने रूस में शोक की लहर दौड़ा दी है।

गवर्नर एलेक्सी टेक्सलर ने पुष्टि की

चेल्याबिंस्क के गवर्नर एलेक्सी टेक्सलर ने पुष्टि की कि विस्फोट में 12 लोगों की मौत हुई है, और पांच घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह ड्रोन हमला नहीं था, बल्कि संयंत्र में आंतरिक समस्या से धमाका हुआ। गुरुवार शाम तक कुल 29 लोग घायल हो चुके थे, जिनमें से 11 अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने कस्बे के केंद्रीय चौक पर इकट्ठा होकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और लापता कर्मचारियों की जानकारी मांगी। श्रमिक संघ के प्रमुख को मृतकों के नाम पढ़ने के लिए मजबूर किया गया, जो इस त्रासदी की गहराई को दर्शाता है।

यह समझना मुश्किल है कि इतनी बड़ी त्रासदी कैसे हो गई

गवर्नर टेक्सलर को एक अस्थायी स्मारक पर फूल चढ़ाते देखा गया, जबकि प्लास्टमास कंपनी के सीईओ अलेक्जेंडर बालाशोव ने निवासियों से शोक संदेश दिया। उन्होंने कहा, "यह समझना मुश्किल है कि इतनी बड़ी त्रासदी कैसे हो गई।" स्थानीय न्यूज आउटलेट के अनुसार, बालाशोव ने जोर दिया कि अब राज्य रक्षा आदेश को पूरा करना प्राथमिकता है, क्योंकि देश का भविष्य इससे जुड़ा है। मृतकों को गहरा नमन देते हुए उन्होंने कहा कि यह नुकसान रूस की एकजुटता को मजबूत करेगा। यह संयंत्र रूसी सेना के लिए गोला-बारूद बनाने का काम करता है, जिस कारण हमले की आशंका बनी हुई है।

एक महिला को छर्रों से चोट लगी

दक्षिणी रूस के स्टावरोपोल शहर में एक सैन्य अड्डे के पास देर रात एक और विस्फोट की खबर आई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विस्फोटकों से लदा एक बच्चों का घुमक्कड़ बस स्टॉप के पास छोड़ दिया गया था। इससे एक महिला को छर्रों से चोट लगी, जबकि एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर आतंकवाद के आरोप लगाए गए। यह घटना रूस की आंतरिक सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है। इसी तरह, यूक्रेन से सटे ब्रांस्क और बेलगोरोद क्षेत्रों में ड्रोन हमलों से दो नागरिकों की मौत हो गई, जो वाहनों को निशाना बनाए गए थे।

बेलगोरोद में 56, ब्रायंस्क में 22, और रियाज़ान में 14 ड्रोन शामिल थे

रियाज़ान क्षेत्र में भी ड्रोन हमले का निशाना बनी एक औद्योगिक इकाई में आग लग गई। गवर्नर पावेल मालकोव ने बताया कि ड्रोन के मलबे से यह हादसा हुआ। स्वतंत्र न्यूज एस्ट्रा के अनुसार, रियाज़ान तेल रिफाइनरी को लक्ष्य बनाया गया, लेकिन किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उनकी वायु रक्षा ने रात भर में 139 यूक्रेनी ड्रोनों को नष्ट या रोका दिया। इसमें बेलगोरोद में 56, ब्रायंस्क में 22, और रियाज़ान में 14 ड्रोन शामिल थे। यह दावा युद्ध में रूस की रक्षा क्षमता को रेखांकित करता है, लेकिन मौतों की संख्या इसे चुनौती दे रही है।

लोगों का गुस्सा और सोशल मीडिया पर हंगामा

इस घटना ने सोशल मीडिया पर भारी प्रतिक्रियाएं खींच ली हैं। X पर यूजर्स रूस सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जबकि कुछ यूक्रेन की रणनीति की तारीफ कर रहे हैं। कई ने इसे युद्ध की क्रूरता का प्रतीक बताया, और शोक संदेशों की बाढ़ आ गई। चेल्याबिंस्क के निवासियों ने ऑनलाइन पिटीशन शुरू की है, जिसमें ड्रोन हमलों के खिलाफ मजबूत रक्षा की मांग है। यह बहस युद्ध के मानवीय पक्ष को उजागर कर रही है।

आगे की जांच और कार्रवाई की उम्मीद

अब सवाल यह है कि रूस इन हमलों का जवाब कैसे देगा? रक्षा मंत्रालय ने ड्रोन हमलों को नाकाम करने का दावा किया है, लेकिन मौतों से जांच तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन की ड्रोन तकनीक में सुधार से रूस को नई रणनीति अपनानी पड़ेगी। अगले कुछ दिनों में और हमलों की आशंका बनी हुई है, और रूस की वायु रक्षा पर नजरें टिकी हैं।

युद्ध की आर्थिक कीमत

यह हमला रूस की अर्थव्यवस्था पर भी असर डाल रहा है। तेल रिफाइनरी जैसे महत्वपूर्ण संयंत्रों पर हमले से ईंधन आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे वैश्विक तेल कीमतों में उछाल आ सकता है। भारत जैसे देशों को भी इसका असर महसूस हो सकता है, जहां रूस से तेल आयात होता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि यह युद्ध अब सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि आर्थिक हथियारों का खेल बन गया है। (इनपुट : द वाशिंगटन पोस्ट से अनुबंध के आधार पर)