तालिबान का पाकिस्तान पर हमला। (फोटो: X Handle khubaib.)
Taliban Attack Pakistan: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के भारत दौरे के ठीक बीच तालिबान ने पाकिस्तान पर जोरदार हमला (Taliban Attack Pakistan) किया है, जिससे क्षेत्रीय राजनीति में भूचाल आ गया है। ध्यान रहे कि 9 अक्टूबर को मुत्तकी दिल्ली (Afghan Minister India Visit) पहुंचे, जहां ईएएम एस. जयशंकर से मिल कर भारत ने काबुल में दूतावास दोबारा खोलने का ऐलान किया है। लेकिन 11 अक्टूबर रात को तालिबान बलों ने दुर्रंद लाइन पर पाकिस्तानी चौकियों पर धावा बोल दिया। तालिबान के रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब ने दावा किया कि 58 पाक सैनिक मारे गए, 30 घायल हुए (South Asia Tensions) और 25 चौकियां कब्जे में ली गईं। यह हमला पाक के काबुल और पक्तिका पर कथित हवाई हमलों का बदला था, जिसमें टीटीपी सरगना नूर वाली महसूद को निशाना बनाया गया। अब सवाल यह पैदा होता है कि मुत्तकी के भारत दौरे के समय ही ऐसा क्यों हुआ ?
दुनिया को लग रहा है कि भारत का तालिबान के प्रति रुख अब व्यावहारिक हो गया है। क्यों कि सन 2021 से भारत ने मानवीय सहायता ($3 अरब से ज्यादा निवेश) जारी रखी, लेकिन उसे मान्यता नहीं दी। दरअसल 2025 में दुबई मुलाकात के बाद यह दौरा मील का पत्थर है। मुत्तकी ने भारत को अपना "नजदीकी मित्र" कहा, जबकि जयशंकर ने अफगानिस्तान की संप्रभुता का समर्थन जताया। एजेंडा: व्यापार, खनन निवेश और आतंकवाद विरोध। भारत चाबहार पोर्ट से अफगान व्यापार बढ़ाना चाहता है, जो पाकिस्तान को नजरअंदाज करता है।
पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव की जड़ें बहुत गहरी हैं। पाक टीटीपी को अफगान शरण का दोषी ठहराता है, जो 2025 में 600 से ज्यादा हमले कर चुका। तालिबान पाक पर आईएसआईएस को पनाह देने का आरोप लगाता है। जनवरी से बाजौर में 15 पोस्ट कब्जे और हवाई हमलों ने आग में घी डाला। हमले से पाक को भारी नुकसान: सीमा बंद, व्यापार ठप, 100+ सैनिक शहीद। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दी, लेकिन ईरान-सऊदी ने संयम बरतने के लिए कहा।
ट्रंप का पाक प्रेम भी तनाव बढ़ा रहा। सितंबर 2025 में उन्होंने शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस बुलाया था, जहां खनन ($500 मिलियन डील) और तेल पर चर्चा हुई। ट्रंप ने दोनों को "महान" कहा, जो भारत के लिए चिंता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच मई 2025 की चार दिवसीय संघर्ष को अपनी मध्यस्थता से रुकवाने का दावा किया था। अब सवाल यह है कि अफगानिस्तान के तालिबान की ओर से पाकिस्तान पर 11 अक्टूबर 2025 को किए गए हमले—जिसमें 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 25 चौकियां कब्जे में ली गईं—पर ट्रंप का रुख क्या होगा ? वर्तमान में (12 अक्टूबर 2025) ट्रंप ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके पुराने रुख और हालिया नीतियों से अनुमान लगाया जा सकता है।
अफगानिस्तान (तालिबान सरकार) और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव 2021 से बढ़ा है, जब तालिबान ने सत्ता संभाली। पाकिस्तान टीटीपी (पाकिस्तानी तालिबान) को अफगानिस्तान से हमलों का आरोप लगाता है, जबकि तालिबान पाक पर आईएसआईएस को पनाह देने का इल्जाम ठोकता है। ज्यादातर झड़पें दुर्रंद लाइन (सीमा) पर हुईं, जो बदले की कार्रवाई का चक्र चला रही हैं। नीचे एक चार्ट में प्रमुख हमलों की समयरेखा दी गई है, जो 2021-2025 की घटनाओं पर आधारित है। यह डेटा विश्वसनीय स्रोतों से संकलित है, जिसमें तालिबान के सीधे हमले शामिल हैं। ( इसमें टीटीपी के अप्रत्यक्ष हमले अलग हैं)।
ये हमले ज्यादातर बदले की कार्रवाई हैं। 2025 में तनाव चरम पर है, जहां तालिबान ने पाक पर आईएसआईएस को शरण देने का आरोप लगाया। ईरान, कतर जैसे देशों ने संयम बरतने की अपील की है। कुल मिलाकर, 2021 से 2025 तक 100+ सैनिक मारे गए, लेकिन सटीक आंकड़े विवादास्पद हैं।
बहरहाल यह घटनाक्रम भारत को फायदा दे सकता है, लेकिन क्षेत्रीय अस्थिरता से सावधान रहना होगा। तालिबान का भारत झुकाव पाक को कमजोर कर रहा है, लेकिन आतंकवाद और मानवाधिकार मुद्दे अनसुलझे हैं। क्या यह नया गठबंधन शांति लाएगा या युद्ध ?
Updated on:
12 Oct 2025 05:43 pm
Published on:
12 Oct 2025 04:33 pm
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