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Make in India: क्या भारत दुनिया का अगला डिफेंस एक्सपोर्ट हब बनेगा ?

India Defense Export 2029: भारत ने 2029 तक करोड़ों के रक्षा निर्यात का लक्ष्य तय किया है। तेजस, एएमसीए जैसे प्रोजेक्ट और स्वदेशी उत्पादन से देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है।

2 min read

भारत

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MI Zahir

Aug 23, 2025

India Defense Export 2029

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह। (फोटो: IANS.)

India Defense Export 2029: भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से कदम बढ़ाते हुए 2029 तक (India Defense Export 2029) ₹50,000 करोड़ के रक्षा निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। यह जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर दी। राजनाथ सिंह ने बताया कि वर्ष 2013-14 में जहां भारत का रक्षा निर्यात केवल ₹686 करोड़ था, वहीं यह 2024-25 तक बढ़ कर ₹23,622 करोड़ तक पहुंच गया है। मेक इन इंडिया के तहत भारत (Make in India Defense) अब करीब 100 देशों को रक्षा उत्पाद निर्यात कर रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि 2024 में ₹30,000 करोड़ और 2029 तक ₹50,000 करोड़ का निर्यात हासिल किया जाए।

घरेलू रक्षा उत्पादन में तीन गुना वृद्धि

रक्षा मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 में घरेलू रक्षा उत्पादन जहां ₹40,000 करोड़ था, वह अब ₹1.5 लाख करोड़ के पार पहुंच चुका है और वर्तमान वित्त वर्ष में ₹2 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। यह बढ़ोतरी देश में रक्षा निर्माण की क्षमता में आई जबरदस्त वृद्धि को दर्शाती है।

509 रक्षा उपकरण होंगे भारत में ही निर्मित

भारत सरकार ने अब तक 5 स्वदेशीकरण सूचियां जारी की हैं, जिनमें कुल 509 प्लेटफॉर्म, सिस्टम और हथियार शामिल हैं। ये सभी उपकरण अब भारत में ही बनाए जाएंगे। यह कदम देश को आयात पर निर्भरता से मुक्त करने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है।

रक्षा बजट में भी जबरदस्त बढ़ोतरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का रक्षा बजट भी काफी बढ़ा है। वर्ष 2013-14 में जहां यह बजट ₹2.53 लाख करोड़ था, वह अब 2024-25 में ₹6.22 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद इसे और बढ़ाने की योजना है।

तेजस, एएमसीए और इंजन निर्माण में बड़ी सफलता

एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) को अब तक 97 तेजस लड़ाकू विमानों के लिए ₹66,000 करोड़ और पहले ही 83 तेजस विमानों के लिए ₹48,000 करोड़ के ऑर्डर मिल चुके हैं। साथ ही, भारत अब फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी साफरान के साथ मिलकर पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट इंजन का निर्माण भी करेगा।

‘मेक इन इंडिया’ से ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की ओर

राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ आयात कम करना नहीं है, बल्कि ऐसा इकोसिस्टम बनाना है जहां भारत के निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां विश्वस्तरीय रक्षा उत्पाद बनाएं। उन्होंने विदेशी कंपनियों को भारत के रक्षा उत्पादन में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया और हरसंभव सरकारी सहयोग का आश्वासन दिया।

भारत केवल सुरक्षा ज़रूरतें पूरी कर रहा

बहरहाल भारत अब न केवल अपनी सुरक्षा ज़रूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि एक ग्लोबल डिफेंस सप्लायर के रूप में उभर रहा है। आने वाले वर्षों में भारत का रक्षा क्षेत्र निवेश, तकनीक और निर्यात – तीनों में बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार है।