अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो- एएनआई)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अक्सर अपने बयानों और फैसलों को लेकर चर्चाओं में छाए रहते है। उन्होंने हाल ही में भी ऐसा ही एक बयान दिया था जो सुर्खियों में बना रहा। ट्रंप ने पिछले कुछ दिनों में कई मौको पर यह दावा किया कि पीएम मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि अब से भारत रूसी तेल नहीं खरीदेगा। लेकिन इसके बाद अब अचानक एक बार फिर ट्रंप के सुर बदले नजर आ रहे है। भारत और पीएम मोदी की जमकर तारीफ करने के बाद अब एक बार फिर ट्रंप ने भारत को धमकी दे डाली है। ट्रंप ने कहा है कि अगल भारत रूसी तेल का आयात बंद नहीं करता है और उसे और भारी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
ट्रंप पहले ही रूसी तेल आयात करने को लेकर भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा चुके है, जिसके बाद भारतीय उत्पादों पर कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया। इसके बाद अब उन्होंने धमकी देते हुए इस टैरिफ दर को बढ़ाने की बात कही है। ट्रंप ने मीडिया बातचीत के दौरान पीएम मोदी की बात करते हुए कहा, उन्होंने मुझसे कहा है कि भारत, रूस से तेल नहीं खरीदेगा, लेकिन अगर वे ऐसा करते रहे, तो उन्हें भारी टैरिफ़ चुकाना पड़ेगा। इसके बाद जब ट्रंप से कहा गया कि भारत सरकार उनके और पीएम मोदी की बातचीत होने के दावों का खंडन कर रही है तो ट्रंप ने कहा, लेकिन अगर वे ऐसा कहना चाहते हैं, तो वे भारी टैरिफ़ देना जारी रखेंगे, और वे ऐसा नहीं करना चाहते।
बता दे कि बुधवार, 16 अक्टूबर को ही ट्रंप ने यह दावा किया था कि भारत जल्द ही रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, पीएम मोदी ने आज मुझे आश्वासन दिया कि वह रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। इसे तुरंत नहीं किया जा सकता है। यह एक प्रक्रिया है, लेकिन यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी, और हम राष्ट्रपति पुतिन से बस यही चाहते हैं कि वह युद्ध रोकें। कुछ ही समय में वह रूस से तेल खरीदना बंद कर देंगे और युद्ध समाप्त होने के बाद वे फिर से रूस से तेल का व्यापार करेंगे।
भारत ने दावों का किया था खंडन
हालांकि ट्रंप का यह बयान सामने आने के बाद भारत सरकार ने उनके इन दावों को खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्रंप के इन दावों का जवाब देते हुए कहा, भारत, तेल और गैस का एक महत्वपूर्ण आयातक है। अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना हमारी निरंतर प्राथमिकता रही है। हमारी आयात नीतियां पूरी तरह इसी के आधार पर हैं। स्थिर ऊर्जा मूल्य और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दोहरे लक्ष्य रहे हैं। इसमें हमारी ऊर्जा स्रोतों का विस्तार करना और बाजार को देखते हुए आवश्यक बदलाव करना भी शामिल है।
Published on:
20 Oct 2025 11:30 am
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