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डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिंगापुर की जोड़ी: जानें भारत-सिंगापुर मंत्री बैठक के मायने

India-Singapore Third Ministerial Roundtable: भारत और सिंगापुर के बीच तीसरी मंत्री स्तरीय बैठक में डिजिटल, स्वास्थ्य, कौशल और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।

2 min read

भारत

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MI Zahir

Aug 13, 2025

India-Singapore Third Ministerial Roundtable

भारत और सिंगापुर की तीसरी मंत्री स्तरीय बैठक। (फोटो:IANS.)

India-Singapore Third Ministerial Roundtable : भारत और सिंगापुर ने बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित उच्चस्तरीय तीसरी इंडिया-सिंगापुर मिनिस्ट्रियल राउंड टेबल बैठक ( India Singapore ISMR) का मकसद दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग (Strategic Partnership) को और अधिक गहरा और मजबूत करना था। बैठक के दौरान खासतौर से डिजिटलाइजेशन (Digitalisation Cooperation), स्किल डवलपमेंट, सस्टेनेबिलिटी, हैल्थकेयर, कनेक्टिविटी और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग जैसे छह अहम स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन क्षेत्रों में भविष्य की साझेदारी पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।

बैठक में दोनों देशों के शीर्ष मंत्री रहे मौजूद

भारत की ओर से इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल हुए। वहीं सिंगापुर की ओर से उप प्रधानमंत्री गैन किम योंग, गृह मंत्री के. शन्मुगम, विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन और अन्य मंत्री मौजूद थे।

जयशंकर ने जताया आभार

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि इस बैठक के जरिये व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा मिली है। उन्होंने बताया कि इस राउंडटेबल में भारत-सिंगापुर बिजनेस लीडर्स के साथ उपयोगी चर्चा हुई है, जो उद्योग और सरकार के बीच सहयोग को आगे बढ़ाएगी।

आईएसएमआर: मोदी की सोच का नतीजा

इस बैठक की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। पहली ISMR बैठक सितंबर 2022 में नई दिल्ली में हुई थी, जबकि दूसरी बैठक अगस्त 2024 में सिंगापुर में संपन्न हुई थी। इस तीसरी बैठक में दोनों देशों ने आपसी विश्वास, साझा इतिहास और निरंतर सहयोग की भावना को और गहरा किया।

रणनीतिक साझेदारी को मिला नया आयाम

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ISMR एक अनोखा मंच है, जो भारत और सिंगापुर की रणनीतिक भागीदारी को मजबूती देता है। उन्होंने कहा कि इस मंच के माध्यम से दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक और टिकाऊ साझेदारी विकसित की जा रही है।

एक सशक्त रणनीतिक साझेदारी की दिशा में मजबूत कदम

बहरहाल भारत और सिंगापुर के बीच यह तीसरी मंत्री स्तरीय बैठक केवल एक औपचारिक बैठक नहीं, बल्कि एक सशक्त रणनीतिक साझेदारी की दिशा में मजबूत कदम है। इसमें लिए गए निर्णय और हुए संवाद आने वाले वर्षों में एशिया के दो प्रमुख देशों के रिश्तों को नई दिशा देंगे।