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पीएम मोदी को गूगल सीईओ पिचाई ने लगाया फोन, विशाखापट्टनम में एआई हब के निर्माण पर हुई बातचीत

गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने आज भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन लगाया। दोनों के बीच क्या बातचीत हुई? आइए जानते हैं।

2 min read

भारत

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Tanay Mishra

Oct 14, 2025

Indian Prime Minister Narendra Modi with Google CEO Sundar Pichai

Indian Prime Minister Narendra Modi with Google CEO Sundar Pichai (Photo - PM Modi's social media)

अडानी ग्रुप (Adani Group) और गूगल (Google), भारत (India) में एक बड़ी पार्टनरशिप करने जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के शहर विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) में दोनों कंपनी मिलकर भारत का सबसे बड़ा एआई डेटा सेंटर कैंपस बनाएंगे। अडानी एंटरप्राइजेज़ ने अपनी संयुक्त उद्यम कंपनी अडानीकॉनेक्स के ज़रिए और गूगल ने आज विशाखापट्टनम में भारत के सबसे बड़े एआई हब और नए ग्रीन एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए एक ऐतिहासिक पार्टनरशिप की घोषणा की है। इसके तहत 2026-30 तक 15 बिलियन डॉलर्स (करीब 1.3 लाख करोड़) का निवेश किया जाएगा।

पीएम मोदी को गूगल सीईओ पिचाई ने लगाया फोन

गूगल सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को फोन लगाया और उनसे इस बारे में बातचीत की। इस बारे में पिचाई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, "भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशाखापट्टनम में पहले गूगल एआई हब के लिए अपनी योजनाओं के बारे में बात करके बहुत अच्छा लगा। यह एक ऐतिहासिक विकास का पल है। यह एआई हब गीगावॉट-स्तरीय कंप्यूटिंग क्षमता, एक नया अंतर्राष्ट्रीय सबसी गेटवे और बड़े पैमाने पर ऊर्जा अवसंरचना को एक साथ लाता है। इसके ज़रिए हम अपनी उद्योग-अग्रणी टेक्नोलॉजी को भारत में एंटरप्राइसेज़ और यूज़र्स तक पहुंचाएंगे, जिससे एआई नवाचार को गति मिलने के साथ ही देश भर में विकास को भी गति मिलेगी।"

पीएम मोदी की प्रतिक्रिया आई सामने

इस बारे में पीएम मोदी की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर पिचाई की पोस्ट पर कोट रिप्लाई देते हुए लिखा, "आंध्र प्रदेश के गतिशील शहर विशाखापट्टनम में गूगल एआई हब के लॉन्च पर मुझे खुशी हुई। यह बहुआयामी निवेश, जिसमें गीगावॉट-स्तरीय डेटा सेंटर अवसंरचना शामिल है, एक विकसित भारत के निर्माण के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह टेक्नोलॉजी के लोकतंत्रीकरण में एक शक्तिशाली शक्ति होगी। यह सभी के लिए एआई की सुविधा सुनिश्चित करेगा, हमारे नागरिकों को अत्याधुनिक उपकरण प्रदान करेगा, हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और भारत को वैश्विक प्रौद्योगिकी नेता के रूप में स्थापित करेगा।"