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दिवाली कार धमाल vs चीन का ऑटो साम्राज्य: 46.5 करोड़ गाड़ियां, क्या भारत पीछे छूट रहा ?

Diwali India Vs China Vehicles: दिवाली पर भारत में कारों की बिक्री में धमाल आ गया, लेकिन चीन के 46.5 करोड़ वाहनों से कोसों पीछे है।

2 min read

भारत

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MI Zahir

Oct 19, 2025

Diwali India Vs China Vehicles

जगमगाती दिवाली पर भारत के बाजारों में कार की खरीदारी। (फोटो: ANI.)

Diwali India Vs China Vehicles: दिवाली पर भारत में कारों का जलवा नजर आ रहा है। कारों के लिए स्कीमों से बिक्री आसमान छू रही हैं। दिवाली का सीजन आते ही भारत में कार बाजार गरम हो गया है! धनतेरस से शुरू होकर दीपावली तक लोग नई गाड़ियां खरीदने में लगे हुए हैं। कई ग्राहकों ने शुभ मुहूर्त के अनुसार कारें खरीदने का प्लान बनाया है। मीडिया रिपोटर्स के अनुसार मारुति, हुंडई व टाटा जैसी कंपनियां खास ऑफर चला रही हैं – कैश डिस्काउंट, लो EMI, एक्सचेंज बोनस। अनुमान: धनतेरस पर ही 1 लाख से ज्यादा कारें बिकीं, टर्नओवर 8,000 करोड़ पार! मारुति 51,000 यूनिट्स, टाटा 25,000, हुंडई 14,000 डिलीवरी टारगेट पर। GST 2.0 रिफॉर्म्स से कीमतें घटीं, EV पर भी डिस्काउंट। असल बात: त्योहार = नई कार का बहाना!

चीन का वाहन साम्राज्य: 46.5 करोड़ गाड़ियां, दुनिया को पीछे छोड़ा !

चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग के अनुसार चीन में ऑटो क्रांति का नया रिकॉर्ड बन गया है! चाइनीज पब्लिक सिक्योरिटी मिनिस्ट्री के मुताबिक, सितंबर 2025 के अंत तक देश में कुल मोटर वाहन 46 करोड़ 50 लाख हो गए। इसमें कारें 36 करोड़ 30 लाख हो गई हैं! चालकों की संख्या 55 करोड़ 60 लाख पहुंच गई है – दोनों आंकड़े ग्लोबल नंबर 1 पर हैं। पिछले कुछ बरसों में आर्थिक उछाल से लोगों की ट्रैफिक सुविधाओं पर भूख बढ़ गई है। बिग वेब फैक्ट: सितंबर में EV सेल्स 1.6 मिलियन, बीवाईडी-लेपमोटर जैसे ब्रांड्स ने धमाल मचाया।

सुधारों का जादू: 160 कदमों से 1 खरब युआन की बचत!

चीन सरकार ने यातायात मैनेजमेंट को नया रंग दिया। 160 से ज्यादा नए कदम उठाए – ऐप बेस्ड सर्विस, आसान लाइसेंस, डिजिटल पेमेंट। नतीजा ? आम आदमी और बिजनेस को 1 खरब युआन (लगभग 11 लाख करोड़ रुपये) का खर्च बचा। आर्थिक-सामाजिक विकास को बूस्ट मिला।
मिसाल: 'गोल्डन सेप्टेंबर' में कार सेल्स 14.9% ऊपर, 2.27 मिलियन यूनिट्स। सरल शब्द: बेहतर सर्विस = ज्यादा गाड़ियां सड़क पर!

भारत vs चीन: सीखें क्या, चुनौतियां क्या ?

भारत में दिवाली सेल्स रिकॉर्ड तोड़ रही, लेकिन चीन के 46.5 करोड़ वाहनों से तुलना करें तो हम 5 करोड़ के आसपास। भारत का फोकस EV पर – टाटा नेक्सॉन EV, महिंद्रा बीई 6 जैसी लॉन्च। लेकिन ट्रैफिक जाम, प्रदूषण जैसी प्रॉब्लम्स चीन से सिखा सकती हैं। चीन में EV शेयर 44%, भारत में 5%। बिग वेब टिप: दिवाली पर EV चुनें, तो ग्रीन फ्यूचर! ( IANS.)

आगे का रोडमैप: क्या होगा अगला धमाका ?

चीन 2025 में 35 मिलियन प्रोडक्शन टारगेट पर, भारत दिवाली क्वार्टर में 10 लाख कारें। दोनों देशों में EV बूम, लेकिन सस्टेनेबल मोबिलिटी जरूरी है।