
Chinese ambassador with Afghan deputy foreign minister (Photo - Afghanistan Foreign Ministry)
अफगानिस्तान (Afghanistan) इस समय कुछ देशों से कूटनीतिक संबंध बढ़ाने में लगा हुआ है। भारत (India) और रूस (Russia) के अलावा अफगानिस्तान, चीन (China) से भी अपने कूटनीतिक संबंधों को बढ़ाने में लगा हुआ है। इसी सिलसिले में अफगानिस्तान के डिप्टी विदेश मंत्री मोहम्मद नईम और चीन के राजदूत यू शियाओयोंग ने गुरुवार को मुलाकात की। नईम ने कहा कि चीन और अफगानिस्तान दो पड़ोसी देश हैं और दोनों के बीच कई समानताएं हैं।
नईम और शियाओयोंग ने कई क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के साथ ही पाकिस्तान-तालिबान तनाव (Pakistan-Taliban Conflict) पर भी चर्चा की। सीज़फायर से पहले अफगानिस्तान और पाकिस्तान में चली जंग में दोनों देशों को जान-माल का नुकसान हुआ। नईम ने इस दौरान पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान पिछले 4 साल से इस्लामिक अमीरात के धैर्य की परीक्षा ले रहा है, जिससे उसे जवाब देने के लिए बाध्य होना पड़ा है। इसके साथ ही नईम ने यह भी कहा कि अमीरात का दृढ़ रुख यह है कि मुद्दों का समाधान बातचीत और समझ के ज़रिए किया जाना चाहिए। ऐसा होने पर पाकिस्तान की चिंता बढ़ सकती है।
शियाओयोंग से बातचीत के दौरान नईम ने साफ कर दिया कि अफगानिस्तान की धरती का किसी अन्य देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होगा। गौरतलब है कि अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) फिर से अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर कब्ज़ा चाहते हैं, लेकिन तालिबान ने इससे इनकार कर दिया है। ट्रंप के बगराम एयरबेस पर फिर से कब्ज़ा करने के पीछे की मंशा यह है कि यह एयरबेस न सिर्फ दुनिया के सबसे बड़े एयरबेसों में से एक है, बल्कि चीन के परमाणु और अन्य घातक हथियारों के ठिकाने से भी ज़्यादा दूर नहीं है। ऐसे में अमेरिका इस एयरबेस पर फिर से कब्ज़ा करके चीन पर निगरानी रखना चाहता है। हालांकि नईम ने अपने बयान से साफ कर दिया कि ऐसा नहीं होगा। इससे अमेरिका की चिंता बढ़ सकती है।
नईम और शियाओयोंग ने बातचीत के दौरान अफगानिस्तान और चीन के द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की। दोनों ने अफगानिस्तान-चीन द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया।
Updated on:
24 Oct 2025 03:59 pm
Published on:
24 Oct 2025 03:58 pm
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