IIT Madras का दीक्षांत समारोह
चेन्नई. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर विदेशी मीडिया की रिपोर्टिंग पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए शुक्रवार को कहा कि कई विदेशी समाचार एजेंसियों ने भारत को लेकर भ्रामक और तथ्यहीन जानकारी प्रकाशित की है। भारत का ऑपरेशन बेहद ही सफल रहा। हमने पाकिस्तान में नौ ठिकानों को निशाना बनाया था। इसमें से एक भी नहीं चूका। वे यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मद्रास के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।एनएसए डोभाल ने कहा कि विदेशी प्रेस ने कहा कि पाकिस्तान ने यह किया, वो किया… आप मुझे एक भी फोटो या सबूत दिखाइए जिसमें भारत में किसी इमारत को नुकसान हुआ हो, एक कांच तक टूटा हो… उन्होंने बातें लिख दीं और छाप दीं। उन्होंने आगे कहा कि विदेशी मीडिया द्वारा जारी की गईं सैटेलाइट तस्वीरों में 10 मई से पहले और बाद में पाकिस्तान के 13 एयरबेस दिखाए गए, चाहे वह सरगोधा हो, रहीम यार खान हो या चकलाला। मैं सिर्फ वही बता रहा हूं जो उन्होंने अपनी रिपोर्टिंग में छापा। हममें यह क्षमता है कि अगर हम चाहें तो पाकिस्तान के एयरबेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
केवल 23 मिनट चला ऑपरेशन
एनएसए ने कहा कि हमें अपनी स्वदेशी तकनीक विकसित करनी होगी। ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र यहां किया गया था। हमें इस बात पर गर्व है कि इसमें कितनी स्वदेशी सामग्री थी। ब्रह्मोस से लेकर रडार तक हमने पूरी तरह से भारतीय सामान का इस्तेमाल किया था। हमने पाकिस्तान के आर-पार नौ आतंकवादी ठिकानों पर निशाना साधने का फैसला किया, ये सीमावर्ती इलाकों में नहीं थे। हम कोई भी निशाना नहीं चूके। हमने इसके अलावा कहीं और निशाना नहीं साधा। यह उस बिंदु तक सटीक था जहां हमें पता था कि कौन कहां है? पूरे ऑपरेशन में 23 मिनट लगे।
डोभाल ने तकनीक के मामले में आत्मनिर्भर होने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए और डेटा की निजता के लिए कम्युनिकेशन सिस्टम को पूरी तरह स्वदेशी बना देगा। उन्होंने कह है कि बाहरी खतरों के लिहाज से यह पहल बेहद जरूरी है। साथ ही उन्होंने AI को भी गेम चेंजर करार दिया है और कहा है कि भारत को विदेशी रास्तों पर निर्भर रहने के बजाए उभरती तकनीकों पर अपनाना होगा।
एक राष्ट्र के रूप में सहस्राब्दियों से अस्तित्व में है भारत
अजीत डोभाल ने कहा कि हम एक ऐसे देश और ऐसी सभ्यता से ताल्लुक रखते हैं, जो हजार वर्षों से संकटग्रस्त, लहूलुहान और अपमानित रही है। हमारे पूर्वजों ने बहुत कुछ सहा है… मुझे नहीं पता कि इस सभ्यता को और राष्ट्र की इस धारणा को जीवित रखने के लिए उन्होंने कितने अपमान, अभाव और कष्ट सहे होंगे। राष्ट्र, राज्य से अलग होता है। भारत, एक राष्ट्र के रूप में सहस्राब्दियों से अस्तित्व में है। अब से 22 साल बाद जब हम अपनी आजादी के 100 साल पूरे कर रहे होंगे, तब आप अपने करियर के शीर्ष पर होंगे।
3,227 विद्यार्थियों को स्नातक उपाधियां
इससे पहले आइआइटी मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह में कुल 3,227 विद्यार्थियों को स्नातक उपाधियां दी गईं। कुल 529 पीएचडी उपाधियां भी प्रदान की गईं, जिनमें पीएचडी, विदेशी संस्थानों से संयुक्त डिग्री पीएचडी और दोहरी डिग्री पीएचडी शामिल हैं। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातनाम भरतनाट्यम नृत्यांगना डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम विशिष्ट अतिथि थीं। आइआइटी मद्रास के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. पवन गोयनका ने निदेशक प्रो. वी. कामकोटि, संकाय, कर्मचारियों और छात्रों की उपस्थिति में दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की।