हमें पानी का मोल पहचानना होगा। पानी बचाना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सभी को मिलकर पानी बचाना होगा। हम जितना पानी खर्च करते हैं, उतना पानी बचाने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। यह बात कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने मिशन संचय अभियान के तहत किशोर सभागृह में आयोजित जल समिति सदस्यों के प्रशिक्षण काय्र्रकम में कही। कलेक्टर ने इस कहा कि जिले की हर पक्की छत से वर्षा का पानी भूजल संवर्धन के उपयोग में आए, यह अगले 1 वर्ष में हमें सुनिश्चित करना है।
शुक्रवार को आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कलेक्टर ने जल समिति के सदस्यों को शामिल करते हुए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के लिए भी कहा, ताकि जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियों को उसमें शेयर किया जा सके। कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि अमृत संचय अभियान के तहत हमें जिले के सभी शासकीय व प्राइवेट भवनों की पक्की छतों पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना है, ताकि वर्षा के पानी की एक-एक बूंद जमीन में समाकर भूजल स्तर को बढ़ाए। उन्होंने कहा कि 30 जून 2026 तक प्रत्येक पक्की छत पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए “मिशन अमृत संचय” प्रारंभ किया गया है।
अभी नहीं जागे तो बहुत देर हो जाएगी
महापौर अमृता अमर यादव ने कहा कि हर वर्ष भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। हमें आज से ही पानी बचाने के लिए विशेष प्रयास करना होंगे। पानी बचाने की दिशा में हम अभी नहीं जागे, तो बहुत देर हो जाएगी। जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी सुदेश वानखेड़े ने जल समितियों के सदस्यों से कहा कि गांव-गांव में पानी का महत्व बताएं और सभी से वर्षा का पानी बचाने की अपील करें। विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे ने जल समितियों के उपस्थित सदस्यों से अपील की कि पहले वे अपने घरों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाएं।
31 अगस्त तक रणनीति तैयार करें
जिला पंचायत सीईओ डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा ने कहा कि आगामी 31 अगस्त तक जल समिति के सभी सदस्य अपनी रणनीति तैयार कर लें और अपने-अपने घरों पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अवश्य लगवा लें। उन्होंने बताया कि मिशन अमृत संचय के तहत भूजल संरक्षण की दिशा में सराहनीय कार्य करने वाली पंचायतों, नगर निगम तथा नगर परिषद के वार्डों को चयनित कर पुरस्कृत किया जाएगा। अंत में उपस्थित अधिकारी, जन प्रतिनिधि कर्मचारियों और जल समिति के सदस्यों ने भूजल संरक्षण संबंधी शपथ भी ली। इससे पूर्व मास्टर ट्रेनर्स द्वारा जल समिति के सदस्यों को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से भूजल संरक्षण के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में सहायक कलेक्टर श्री कृष्णा सुशीर तथा जिला पंचायत की एसीईओ निकिता मंडलोई, निगमायुक्त प्रियंका राजावत भी मौजूद थे।