कठूमर. राज्य सरकार पुलिस को हाईटेक व अन्य संसाधनों से लैस करने का भले ही प्रयास कर रही हो, लेकिन पुलिस थानों में बिना नफरी के आपराधिक गतिविधियों व अपराधों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।कठूमर विधानसभा क्षेत्र में पुलिस के तीन थानों के पास नफरी की इतनी कमी है कि करीब 180 गांवों के करीब तीन लाख लोगों की सुरक्षा व्यवस्था केवल 80 पुलिसकर्मियों के भरोसे चल रही है। इन पुलिसकर्मियों में भी छह तो चालक शामिल हैं। कठूमर, धोलागढ़ देवी व खेरली इन तीन थानों में शामिल अंतिम गांवों की दूरी 15 से 28 किमी है। जहां पहुंचने में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ती है।
फैक्ट फाइल
विधानसभा क्षेत्र के देवी धौलागढ़ थाना में स्वीकृत 47 पदों में से 24, कठूमर थाना में 51 में से 26 तथा खेरली थाने में 45 में से 30 पद ही भरे हुए हैं। तीनों थानों में कुल स्वीकृत पद 148 में से केवल 84 पद भरे हैं। कुल मिलाकर तीनों थानों में 43 फीसदी पद रिक्त हैं। इन 84 पदों में से प्रत्येक थाने पर कम्प्यूटर ऑपरेटर, डाक लाने ले जाने, कोर्ट में जाने, संतरी ड्यूटी, छुट्टी पर जाने सहित कभी-कभी वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था में ड्यूटी लगने आदि कारणों से 10 पुलिसकर्मी प्रत्येक थाने पर इन व्यवस्थाओं में प्रतिदिन व्यस्त रहते हैं।यह थानों के हालात
कठूमर थाना : पुलिस निरीक्षक का एक, उप निरीक्षक का एक, सहायक निरीक्षक चार में से एक, पुलिस आरक्षक के 10 में से दो, कांस्टेबल के 33 में से 19, चालक के दो पद भरे हैं। यहां 51 में से 26 पद भरे हैं और 50 फीसदी रिक्त है।खेरली थाना : खेरली में एसआई के दो में से दो, एएसआई के चार में से दो, हैडकांस्टेबल के चार में से चार, कांस्टेबल के 33 में से 20 और चालक के दो में से दो पद भरे हैं। शेष 15 रिक्त हैं।धौलागढ़ थाना : सब इंस्पेक्टर का एक, एएसआई के छह में से दो, हैडकांस्टेबल के पांच में से दो, कांस्टेबल के 33 में से 17, चालक के दो पद भरे हैं। यहां 47 में से 24 पद भरे हैं।..................
बड़ी घटना होने पर बुलानी पड़ती है पुलिस
उक्त थानों में एक ही समय में दो बड़ी घटनाएं होने पर पुलिस को पहुंचने में बहुत मुश्किल होती है। बड़ी घटनाओं को संभालने में आसपास के थानों की पुलिस बुलानी पड़ती है। महिला पुलिस बल भी पर्याप्त नहीं है।सुविधाओं का अभावपुलिस थानों में नफरी के अलावा सुविधाओं का भी टोटा है। कठूमर थाने में पीने के पानी की सुविधा नहीं है। पुलिस के क्वार्टर जर्जर है। यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पुरुष जेल की छत का प्लास्टर झड़ता रहता है। चार साल पहले गठित धौलागढ़ देवी थाने पर पुलिस के क्वार्टर नहीं है और पुलिसकर्मियों को किराए के घरों में रहना पड़ता है। थाना दूसरी बिल्डिंग में चल रहा है।
कस्बे में चौकी की लम्बे समय से मांग
कठूमर स्थित थाना आबादी क्षेत्र से तीन किमी दूर है। ऐसे में फरियादियों को वहां पहुंचने में बड़ी कठिनाई होती है। कस्बे के मुख्य रोड पर स्थित पुराने थाने को चौकी में तब्दील करने की मांग लम्बे समय से की जा रही है, लेकिन अभी यह मांग पूरी नहीं हो पाई है।................लोगों की यह रही मांग
महिलाएं दहेज, घरेलू हिंसा व अन्य प्रकार से उत्पीड़न की शिकार होती रहती हैं। इसलिए थाने में महिला पुलिसकर्मी की संख्या में इजाफा होने के साथ महिला डेस्क खुलनी चाहिए। ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सचेत करने के लिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।
बीना बंसल, अध्यक्ष महिला वैश्य समाज, कठूमर।.....................पुलिस को हाईटेक करने के साथ रिक्त पदों की पूर्ति की जानी चाहिए। एक विधानसभा में एक थाने में साइबर सेल भी स्थापित होनी चाहिए। आजकल कस्बों में भी यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसे भी नियंत्रित करने के लिए पुलिस की आवश्यकता होती है।गगन खंडेलवाल, महामंत्री वैश्य समाज, कठूमर।
....................बेहतर कानून व्यवस्था के लिए प्रयत्नशील हूं
पूरे विधानसभा क्षेत्र में कानून व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों व महिला कर्मियों के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए गृह राज्यमंत्री के साथ लगातार सम्पर्क में हूं। निश्चित रूप से क्षेत्र में बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील हूं।
रमेश खींची, विधायक, कठूमर।
Published on:
06 Aug 2025 12:12 am