ग्वालियर. मुकेश पचौरी महाराज ने श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ में कहा, भगवान हमेशा अपने भक्तों के वश में रहते हैं। उन्होंने सुदामा के चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि दिन-दिन भगवान का नाम लेते हुए उनका सम्मान बढ़ता है। जीवन में संतोष होना बहुत जरूरी है, तभी प्रभु की कृपा हो सकती है। उन्होंने मन को प्रभु के चरणों में समर्पित करने की सलाह दी और कहा कि इसके लिए विश्वास, संबंध और समर्पण आवश्यक हैं।
कथा के विश्राम में गुरु की महिमा का वर्णन किया गया और कहा गया कि जीवन में गुरु बहुत जरूरी है, जो हमें संसार चक्र से निकालकर परमात्मा से मिलाए। कथा के अंत में शुकदेव का पूजन किया गया और सुंदर भजनों की प्रस्तुति हुई, जिससे भक्त झूमने पर विवश हो गए। कथा के अंत में श्री कृष्ण-सुदामा की झांकी का दर्शन किया गया।
इसके अलावा, हवन के माध्यम से देवताओं को प्रसन्न किया गया और प्रकृति को सुधारा गया। पूरन बैराठी पीठाधीश्वर स्वामी राम सेवक दास महाराज ने बताया कि हवन करने से देवता प्रसन्न होते हैं और प्रकृति सुधरती है, जिससे अनेक रोगों का नाश होता है और जल-वायु पवित्र हो जाते हैं।
हिंडोला झूला उत्सव का आयोजन 27 जुलाई से शुरू हुआ था और इसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने भाग लिया। इस उत्सव का समापन रामसेवक दास ने किया।