भीलवाड़ा। शहर के सरकारी दरवाजा बाजार में शनिवार शाम पूर्व सरपंच व कांग्रेस नेता हरफूल जाट पर बीच बाजार हुए तलवार व सरिए से हुए जानलेवा हमले के सभी चार आरोपियों को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
हमलावरों में भाजपा नेता एवं पूर्व सरपंच बालूलाल आचार्य, उसके दो बेटे व एक भतीजे शामिल है। चारों आरोपियों को दोपहर बाद न्यायालय में पेश किया जाएगा। इनमें वाारदात को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों की बाजार में परेड भी निकाली जाएगी। पुलिस ने दो आरोपियों की गिरफ्तारी देर रात किशनगढ़ हाईवे टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया था।
कोतवाली प्रभारी गजेन्द्र सिंह नरूका ने बताया कि हलेड़ निवासी पूर्व सरपंच हरफूल जाट मोपेड पर गोल प्याऊ चौराहे से रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे थे। सरकारी दरवाजा बाजार में काबरा की दुकान के बाहर पीछे से बाइक पर आए दो जनों ने उसे धक्का देकर गिरा दिया। ताबड़तोड़ तलवार से वार किया। बचाव के लिए हरफूल काबरा की दुकान की ओर भागा। काउंटर के निकट गिर गया।
हमलावर तलवार और सरिए से पीटते रहे। काबरा की दुकान पर मौजूद कर्मचारी काउंटर फांदकर बचाव के लिए दौड़ा। इस दौरान हमलवरों ने उस पर देसी कट्टा तान दिया। शोर-गुल सनकर और भी लोग बचाव में दौड़े। इस दरम्यान हमलावर हड़बड़ाहट में बाइक वहीं छोड़कर सामने वाली गली में पैदल भाग गए। वारदात के दौरान बड़ी संख्या में लोग वहां जमा हो गए। पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव, डीएसपी मनीष बडगुजर व कोतवाली प्रभारी नरूका वहां पहुंचे और घटना की जानकारी ली।
जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया उससे लगा की हमलावर तैयारी के साथ आए थे। हमलावर पूर्व सरपंच की बाइक पर रेकी करते हुए पीछे साथ आ रहे थे। सदर बाजार पहुंचते ही पर हमला कर दिया। हमलावर देसी कट्टा, सरिया और तलवार प्लास्टिक के कट्टे में लेकर आए थे। हमले के समय कट्टा, प्लास्टिक के कट्टे में लिपटी तलवार से एक युवक हमला करता रहा जबकि दूसरा सरिए से वार करता रहा।
निशाना चूका, कर्मचारी पर कट्टा ताना
बचाव के लिए हरफूल काबरा की दुकान की ओर भागा। काउंटर से टकरा कर नीचे गिर गया। हमलावर भी उसके पीछे दौड़कर ताबड़तोड़ वार करते रहे। इस दौरान दुकान में मौजूद कर्मचारी ने हिम्मत दिखाते हुए काउंटर फांदकर बाहर गया और एक हमलावर से भिड़ गया। दूसरे हमलावर ने देसी कट्टा निकाल दिया। आरोप है कि हमलावर ने फायर किया, लेकिन निशान चूक गया। कर्मचारी पर भी कट्टा ताना। अन्य लोगों के आने से हमलावर पैदल लक्ष्मीनारायण मंदिर की ओर भाग गए।