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Nagaur patrika…किले की ढाल से सदर बाजार तक झिलमिलाया बाजार: दीपोत्सव के रंग में रंगने लगा शहर…VIDEO

नागौर. दीपावली को अब महज पांच दिन शेष रह गए हैं। दीपोत्सव महापर्व के नज़दीक आने के साथ ही बाजार का रंग बदलने लगा है। किले की ऐतिहासिक ढाल से लेकर सदर बाजार तक दुकानों पर सामान सजे हुए नजर आने लगे हैं। शाम को सात से आठ बजे तक बंद होने वाला बाजार अब […]

नागौर. दीपावली को अब महज पांच दिन शेष रह गए हैं। दीपोत्सव महापर्व के नज़दीक आने के साथ ही बाजार का रंग बदलने लगा है। किले की ऐतिहासिक ढाल से लेकर सदर बाजार तक दुकानों पर सामान सजे हुए नजर आने लगे हैं। शाम को सात से आठ बजे तक बंद होने वाला बाजार अब शाम रंग-बिरंगी रोशनी में बदलने लगा है। दुकानों के बाहर झिलमिलाती झालरों की कतारें, दीयों की लौ की रोशनी में बाजार का रंग बदल चुका है। लोगों को चहल

कपड़ा बाजार में फैशन और परंपरा का संगम
शहर का कपड़ा बाजार इस समय रंगों की रोशनी में चमकने लगा है। पारंपरिक परिधानों की दुकानों पर भी भीड़ अब होने लगी है। दुपट्टों की झिलमिल, साडिय़ों की चमक और परिधानों में पारंपरिक डिज़ाइनों में ढले कपड़ों की खरीद करती महिलाओं की भीड़ से बाजार अब मुस्कराता नजर आ रहा है। दुकानदारों में राजेन्द्र असावा से बातचीत हुई तो इनका कहना है कि इस बार भी ग्राहकों की रुचि पारंपरिक परिधानों से के प्रति घटी नहीं है। इसमें गोटा-पट्टी, और राजस्थानी प्रिंट वाली साडिय़ों की मांग बढ़ी है। इसके साथ ही दुकानों पर युवाओं के बीच नए डिजाइन के कुर्ते और इंडो-वेस्टर्न परिधानों के लुक वाले कपड़े खूब बिक रहे हैं। कपड़ा बाजार में इस बार फैशन और परंपरा का मिलाजुला संगम नजर आ रहा है।

सर्राफा बाजार में लौटी सोने-चांदी की चमक
पिछले कुछ महीनों से सन्नाटे में डूबे रहने वाला शहर का सर्राफा बाजार फिर से दमक उठा है। दीपोत्सव का पर्व नजदीक आने के साथ ही दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ होने लगी है। महिलाएं नई डिजाइन की चूडिय़ों, झुमकों और हार सेट को देखने में व्यस्त नजर आने लगी हैं। चांदी के सिक्कों और लक्ष्मी-गणेश प्रतिमाओं की बिक्री भी शुरू हो गई है। व्यापारी व्यापारी वर्धमान बताते हैं कि इस बार त्योहारी मौसम में लगभग 25 से 30 प्रतिशत तक अधिक कारोबार होने की उम्मीद है। बाजार अब फिर से चमकने लगा है।
मिठाई और बर्तन बाजारों में बढ़ी चहल-पहल
दीपावली नजदीक आने के साथ ही शहर की गलियों में इस समय घी, खोवा और चाशनी की खुशबू हवा में घुलने लगी है। मिठाई की दुकानों पर भी अब ज्यादा चहल-पहल होने लगी है। खरीदारों के बीर्च रसगुल्ला, केसर बर्फी और रस माधुरी की मांग बनी हुई है। मिठाई बाजार के साथ ही बर्तन बाजार में भी खरीदारों के पहुंचने से दुकानदार उत्साहित हैं। लोग तांबे, स्टील और चांदी के बर्तनों की खरीद में जुटे हैं। दुकानदारों का कहना है कि इस बार दीवाली से पहले ही बिक्री पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है।

पंसारी बाजार में दीयों और रंगोली की जगमगाहट
शहर का पंसारी बाजार भी इस समय रंगीन और चमकदार नजर आने लगा है।गांधी चौक में जहां मिट्टी के दीयों की कतारें सजी-धजी ग्राहकों को लुभाने लगी है, पंसारी बाजार में रंगोली के पैकेट, सुगंधित धूपबत्तियाँ और पूजा सामग्री की स्टॉल पर खरीदार एवं दुकानदार दोनो ही व्यस्त नजर आने लगे हैं। बाजारों में मिट्टी के दीयों के साथ ही रंगीन झालरों की भी अब खरीद होने लगी है।

रोशनी से नहाया शहर
किले की ढाल से लेकर सदर बाजार तक रात्रि में शहर अब इस समय दीपोत्सव के रंग में बदला नजर आने लगा है। रंग-बिरंगी झालरों से निकलती रोशनी के बीच बाजारों में बढ़ती खरीदारों की भीड़ से माहौल अब पूरी तरह से बदल चुका है। दुकानदार जहां लोगों की भीड़ से बेहतर व्यापार होने की उम्मीद से उत्साहित हैं, वहीं खरीदारों की चहल-पहल बढऩे से बाजार का रंग अब पूरी तरह से उत्साह के रंग में रंगा हुआ नजर आने लगा है।