नागौर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की राजधानी मानी जाने वाली खींवसर सीट भाजपा ने फतह कर ली। भाजपा ने 16 साल बाद एक बार फिर खींवसर सीट पर जीत दर्ज की है। शनिवार को नागौर के विधि महाविद्यालय में हुई मतगणना में भाजपा के उम्मीदवार रेवंतराम डांगा ने एक लाख, 8 हजार 628 वोट लेकर आरएलपी की कनिका बेनीवाल को 13,901 वोट से हराया। कनिका बेनीवाल को कुल 94,727 वोट मिले। यहां कांग्रेस की उम्मीदवार डॉ. रतन चौधरी को मात्र 5454 वोट ही मिले।
खींवसर उपचुनाव में डाक मत्रों सहित कुल 2 लाख, 17,001 वोट पड़े, जिनमें भाजपा के रेवंतराम ने 50 फीसदी से अधिक वोट लेकर जीत दर्ज कर ली। खींवसर उपचुनाव में इस बार कुल 12 प्रत्याशी थे, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा व आरएलपी में ही देखने को मिला। कांग्रेस को जहां मात्र 2.51 प्रतिशत वोट मिले, वहीं नोटा एक प्रतिशत यानी 2155 वोट लेकर चौथे स्थान पर रहा। शेष कोई भी प्रत्याशी पूरे एक फीसदी वोट भी नहीं ले पाया।
गौरतलब है कि खींवसर विधानसभा वर्ष 2008 में सृजित हुई थी और पहला चुनाव हनुमान बेनीवाल ने भाजपा के टिकट से लडकऱ जीता था। इसके बाद 2013 के चुनाव में बेनीवाल ने निर्दलीय के रूप में तथा 2018 व 2023 के चुनाव में आरएलपी से चुनाव जीता। 2019 के चुनाव में नारायण बेनीवाल आरएलपी से जीते थे। 16 साल बाद भाजपा ने दूसरी बार चुनाव जीतकर कमल खिलाया है।
खींवसर विधानसभा उप चुनाव
कुल वोट पड़े – 2,17,001
रेवंतराम डांगा – 1,08,628
कनिक बेनीवाल – 94,727
रतन चौधरी – 5454
जीत का अंतर – 13901
खींवसर में हम हार के भी जीते हैं
खींवसर में हमेशा यहां त्रिकोणीय मुकाबला रहता है, लेकिन इस बार कांग्रेस ने भाजपा के सामने पूरी तरह सरेंडर कर दिया। खींवसर में हम हार के भी जीते हैं, हमारा वोट बैंक बढ़ा है, आरएलपी को पहली बार इतने वोट मिले।
– कनिका बेनीवाल, आरएलपी प्रत्याशी
यह खींवसर की जनता की जीत
यह चुनाव खींवसर की जनता ने लड़ा और यह जीत भी खींवसर की आम जतना की ही है। 36 कौम के लोगों ने मजबूती से चुनाव लड़ा था। इस बार जनता ने सत्ता के साथ रहने का मन बनाया और अब सरकार के साथ रहेंगे। फालतू की बातों पर हम ध्यान नहीं देते। भाजपा के हर नेता और कार्यकर्ता की मेहनत से यह जीत मिली है।
– रेवंतराम डांगा, विधायक, खींवसर
जनता ने विकास को वोट दिया
प्रदेश की सात में से पांच सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की है, इससे यह समझ जाना चाहिए कि भाजपा सरकार केन्द्र एवं राज्य में ठीक काम कर रही है और जनता ने विकास को वोट दिया है। कुछ लोगों का अहंकार समाप्त हो गया। लोकतंत्र में असली ताकत जनता के पास है।
– डाॅ. ज्योति मिर्धा, प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा
आरएलपी को हराने के लिए सभी विरोधी एक हो गए
भाजपा ने चुनाव धन बल व सरकारी मशीनरी दुरुपयोग किया और जातीय जहर घोला। आचार संहिता का जमकर उल्लंघन किया गया। सरकार ने हमारे विकास कार्य अवरुद्ध किए। एमएलए कोटे के सभी काम रोक दिए। एक प्रकार से सरकार चुनाव जीतने के लिए ओछेपन पर उतर गई। आरएलपी को हराने के लिए सारे विरोधी एक हो गए। भाजपा के मंत्रियों व विधायकों ने खींवसर में डेरा डाला दिया था। फिर भी हमारे वोट बढ़े और हम हारकर भी जीते हैं। हार के बावजूद आरएलपी के कार्यकर्ताओं में जोश है, हम फिर नए जोश से लड़ेंगे।
– हनुमान बेनीवाल, आरएलपी सुप्रीमो