भादो शुक्ल चतुर्दशी अनंत चौदस पर 10 दिवसीय गणेशोत्सव का समापन धूमधाम से हुआ। शनिवार को समारोहपूर्वक गणपति बप्पा को विदाई दी गई। कोई सिर पर उठाकर तो कोई गोद में लेकर तो कोई हाथों में उठाकर विसर्जन स्थल तक पहुंचा। विसर्जन स्थल पर बप्पा की पूजा-अर्चना कर अगले बरस जल्दी आने की कामना करते हुए श्रद्धालुओं ने विदाई दी। विसर्जन के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल सुरक्षा के लिए तैनात रहा। बप्पा को विदाई देते समय बच्चों की आंखों में आंसू भी नजर आए।
गणेश विसर्जन को लेकर सुबह से ही बाजार में चहल पहल शुरू हो गई थी। 11 बजे के बाद शहर के आबना नदी, गणगौर घाट सहित निगम द्वारा बनाए गए कृत्रिम कुंड आइटीआइ के पास, रामेश्वर कुंड के पास और झीलोद्यान में लोग विसर्जन के लिए पहुंचे। शहर में बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन समारोहपूर्वक हुआ। ढोल-बाजों के साथ नाचते हुए युवाओं की टोली निकली। एक के बाद एक बड़ी प्रतिमाओं का कारवा बांबे बाजार में जमा होता गया और एक बड़े जुलूस में बदल गया।
अखाड़ा कलाकारों ने दिखाए करतब
भगवा पताकाएं लहराते, ढोलक की तान पर झूमते युवा और अखाड़ों में करबत दिखाते कलाकारों को देखने के लिए भी जगह-जगह भीड़ लगती गई। अखाड़ों में बच्चों ने भी करतब दिखाए। रात 12.30 बजे तक बड़ी प्रतिमाओं के आने का सिलसिला जारी रहा। प्रतिमाओं को निहारने बड़ी संख्या में लोग परिवार सहित बांबे बाजार में ओटलोंपर बैठे रहे। केवलराम चौराहा, बांबे बाजार, घंटाघर चौक, निगम तिराहा पर विभिन्न संगठनों द्वारा प्रतिमाओं को स्वागत कर संचालकों का सम्मान भी किया गया।