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किसानों ने कलेक्ट्रेट में डाला डेरा, चूल्हे पर पकाया भोजन, हक को लेकर भरी हुंकार

संयुक्त कृषक संगठन के बैनर तले किसानों ने अनिश्चित कालीन आंदोलन शुरू किया है। बुधवार को कलेक्ट्रेट में टेंट-कनात डाल कर डेरा डाल दिया। इस दौरान किसानों ने हक को लेकर हुंकार भरी और कहा कि बारिश में सोयाबीन की अस्सी फीसदी से अधिक फसल बर्बाद हो गई।

खंडवा

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Rajesh Patel

Oct 09, 2025

भूमि अधिग्रहण में पांच गुना मुआवजा दे सरकार

टेंट-कनात डाल कर डाला डेरा

संयुक्त कृषक संगठन के बैनर तले किसानों ने अनिश्चित कालीन आंदोलन शुरू किया है। बुधवार को कलेक्ट्रेट में टेंट-कनात डाल कर डेरा डाल दिया। इस दौरान किसानों ने हक को लेकर हुंकार भरी और कहा कि बारिश में सोयाबीन की अस्सी फीसदी से अधिक फसल बर्बाद हो गई।

प्रति एकड़ दस रुपए मुआवजा की मांग

रेलवे लाइन में अधिग्रहीत की गई भूमि का प्रति एकड़ दस हजार रुपए राहत राशि दिया जाए। सोयाबीन और मक्का की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी हो। रबी सीजन से पूर्व किसानों को डीएपी, यूरिया पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराई जाए। फसल बीमा शीघ्र किसानों को दिया जाए।

केंद्र सरकार की गाइड लाइन का पांच गुना मांगा मुआवजा

लामबंद किसानों ने कहा कि रेलवे लाइन निर्माण के लिए किसानों को अधिग्रहीत जमीनों का मुआवजा केंद्र सरकार की गाइडलाइन का दो गुना दिया जाए। किसानों ने कहा कि ग्राम बमनगांव टिगरिया बड़गांव गुर्जर से भुसावल रेल लाइन का कार्य होगा। रेलवे के द्वारा किसानों की जमीन अधिग्रहण की जा रही है। गाइडलाइन के अनुपात 2 गुना मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। आस-पास के प्रदेशों की तरह किसानों को राज्य व केंद्र सरकार गाइडलाइन के अनुपात पांच गुना मुआवजा राशि दे।

फसलमें राहत राशि प्रति एकड़ 10 हजार रु दी जाए

सोयाबीन की राहत राशि प्रति एकड़ दस हजार रुपए दी जाए। समर्थन मूल्य पर सीसीआई के द्वारा कपास खरीदी में पंजीयन में समस्या दूर की जाए। आदि मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन प्रदर्शन शुरू किया है। इस दौरान जिला अध्यक्ष नरेंद्र पटेल, शशि मिश्रा, जय पटेल, आशीष बरोले समेत बड़ी संया में किसान प्रदर्शन में शामिल हुए। किसानों ने इस दौरान क्षेत्रीय प्रतिनिधियों के कमजोर नेतृत्व पर भी सवाल उठाए।

आंदोलन स्थल पर पकाया भोजन

कलेक्ट्रेट परिसर में भी किसानों ने आंदोलन स्थल पर ही चूल्हे पर भोजन पकाया। इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि किसान अपने घर से आलू, भाटा और आटा लेकर आ रहे हैं। प्रतिदिन यहीं पर भोजन बनाएंगे और अपने हक की आवाज बुलंद करेंगे।