जोधपुर (सेतरावा)। लवारन गांव गुरुवार शाम सिसकियों और करुण चीत्कारों में डूब गया। जैसलमेर बस अग्निकांड (Jaisalmer Bus Agnukand)में जान गंवाने वाले महेंद्र मेघवाल(Mahendra Meghwal) उनकी पत्नी पार्वती, बेटियां खुशबू-दिक्षा और पुत्र शौर्य के शव जब गांव पहुंचे तो पूरा लवारन मानो थम गया। एक ही घर से पांच अर्थियां उठीं — नजारा ऐसा था कि पत्थर दिल भी पिघल जाए। हर आंख नम थी, हर दिल टूटा हुआ।