दौसा. लवाण कस्बे स्थित दरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अब केन्द्र व राज्य सरकार नई तकनीकी लाने का प्रयास कर रही है। लवाण में हाथ से बनने वाली दरिया दौसा जिला ही नहीं देश में पहचान बना रखी है।
लवाण दरी क्लस्टर हथकरघा रग्स में दिल्ली की वस्त्र मंत्रालय की डॉ. एम बीना ने दौसा जिले की लवाण की दरियों का बुनाई का काम देखा और दरी बुनकरों से वार्तालाप की। उन्होंने कहा कि जोधपुर के आईआईटी कर रहे छात्रों को दरी फैक्ट्री में भेजा जाएगा और हाथ से बनी दरियों में और नई तकनीकी के लिए प्रयास किया जाएगा जिससे हाथ की बनी दरिया अपनी पहचान नहीं खो सके। डा. एम बीना ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने देश के हेंडमेड काम को ज्यादा बढ़ावा दे रहे हैं। वे लवाण की हाथ से बनी दरियों को विदेशों में और ज्यादा मांग बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। वे दरी व्यापारियों की समस्या को लेकर दिल्ली में प्रधानमंत्री को रिपोर्ट देंगी।
लवाण दरी क्लस्टर हथकरघा रग्स के अध्यक्ष शम्भूङ्क्षसह गहलोत, सचिव रघुवीर ङ्क्षसह, गंगाङ्क्षसह गौतम और रामेश्वरङ्क्षसह गोतम ने बताया कि दरी बनाने सबसे ज्यादा समस्या डिजाइन बनाने व रंगाई की आ रही है। इसके लिए दरी का कलर बनाने व डिजाइनर फैक्ट्री में हो, जिससे दरी में ओर डिजाइन आ सके।
विदेशों में हो सीधा सम्पर्क: दरी का तैयार माल को देने के लिए सीधा विदेशों से सम्पर्क हो। इस समय भी लवाण की दरियों को सीधा व्यापारी विदेशों में भेज रहे हैं, लेकिन सरकार का सहयोग हो तो काम और बढ़ जाएगा।बुनकर सेवा केन्द्र जयपुर की रूचि यादव ने बताया कि सबसे पहले क्लस्टर की स्थापना दरी व्यापार में लवाण में की थी और लवाण के दरी व्यापारीयों ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री अवार्ड भी ले चुके हैं। साथ ही प्रधानमंत्री ने लवाण के व्यापारियों को दिल्ली भी कई कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुला चुके हैं। यादव ने कहा कि दरी व्यापार को बढाने के लिए जयपुर स्थित बुनकर सेवा केन्द्र पर बुलाकर प्रशिक्षण देकर परेशानी को दूर भी कर रहे हैं।
समय-समय पर केन्द्र से डिजाइन भी देते हैं और वहीं बुलाकर नई न ई डिजाइन भी बनवाते हैं। बुनकर सेवा केन्द्र से फैक्ट्री में डिजाइनर भी भेजते हैं। सीएफसी सेंटर का निर्माण भी करवाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार को अवगत कराएंगे।