दौसा। मनोहरपुर-दौसा नेशनल हाईवे पर बुधवार को सूरज उगने से पहले मौत का मंजर छा गया। श्रद्धालुओं से भरी पिकअप के खड़े कंटेनर से टकराने से हुई 11 लोगों की मौत से हर कोई स्तब्ध रह गया। वहीं घायलों व मृतकों के परिजनों की चित्कार से जिला अस्पताल में गमगीन माहौल हो गया। हादसे में किसी की पत्नी तो किसी के बच्चे ने जान गंवा दी। मृतकों में सात बच्चे और 4 महिलाएं शामिल थी।
इस वर्ष करीब 460 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें करीब 240 लोगों की मौत व 380 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मनोहरपुर हाईवे पर ही डेढ़ दर्जन हादसे हो चुके हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चालक 5-10 मीटर से लहराता हुआ आया और होटल के बाहर खड़े कंटेनर से टकराकर गाड़ी को काट गया। इससे पीछे की ओर से वाहन कंटेनर से जा भिड़ा और बम फटने जैसा धमाका हुआ। बच्चों और महिलाओं की चीखें रोंगटे खड़े कर देने वाली थी। घायल एक-दूसरे के ऊपर पड़े थे।
सडक़ पर खून व मृतकों चप्पलें सहित अन्य सामान फैला हुआ था। जिला अस्पताल में जैसे-जैसे परिजन आते गए, वैसे-वैसे माहौल गमगीन होता रहा। पुलिस के अनुसार चार परिवारों में सिर्फ पुरुष ही बचे, उनकी पत्नी व बच्चे हादसे में जान गंवा बैठे।
जिला अस्पताल पहुंचे एटा जिले के शीतलपुर भाजपा ब्लॉक प्रमुख पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि 11 अगस्त को दो पिकअप से करीब 40-45 लोग खाटूश्यामजी व सालासर बालाजी के दर्शन व भंडारा करने के लिए असरोली गांव से निकले थे। 12 अगस्त को सभी ने खाटूश्यामजी के दर्शन किए।
हंसी-खुशी के माहौल में फोटोज व सेल्फी ली गई। भंडारे में प्रसादी पाई। शाम को सालासर बालाजी के दर्शन किए और रात को लौटते वक्त हादसा हो गया। हादसे में हताहत परिवार मजदूर वर्ग के हैं।
दुर्घटना को लेकर मौके पर लोगों को भीड़ जमा हो गई। मृतक व घायलों की मदद करते हुए भी लोगों की आंखों से आंसू बह रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि पहली बार इस जगह पर इतना बड़ा हादसा देखा हुआ है। हर कोई मृतकों की मदद करने में घटनास्थल पर पहुंचा। जिला अस्पताल में भर्ती ममता ने बताया कि वे नींद में थे। अचानक एक्सीडेंट के बाद उठी। मंजर देखकर वह बेसुध हो गई और अस्पताल में चेत हुआ।
इस घटना के बाद मनोहरपुर-दौसा हाईवे को फोरलेन करने की मांग तेज हो गई है। सांसद मुरारीलाल मीना ने कहा कि सडक़ दुर्घटना के समाचार सुनकर मन अत्यंत दुखी हुआ। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से दौसा- मनोहरपूर रोड को चार लेन में स्वीकृत करने की मांग की है, क्योंकि खाटूश्यामजी व मेंहदीपुर बालाजी जाने वाले बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस हाईवे को काम ले रहे हैं। पूर्व में भी संसद में यह मांग उठाई थी। मंत्री को पत्र भी लिखा था। एक वर्ष में करीब 250 व्यक्तियों की जान जा चुकी है व हजारों व्यक्ति घायल हो चुके हैं, ऐसे में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए चारलेन करना जरूरी है। वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने भी जिला प्रशासन से हाईवे को फोरलेन बनाने की मांग की।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से सैंथल से दौसा मार्ग पर संचालित होटल-ढाबा संचालकों को पाबंद करने की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि होटलों के आगे सडक़ पर बड़े वाहन खड़े नहीं करने के लिए पाबंद किया जाए। सडक़ किनारे वाहन खड़े रहने से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है।
पुलिस व प्रशासन टीम हादसों की जांच में जुट गई है। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि हादसा ड्राइवर को झपकी आने से या वाहन के सामने किसी पशु या अन्य वाहन के आने की वजह से हुआ है। वहीं पिकअप भी ओवरलोड भरी हुई थी। यूपी से खाटू तक परिवहन या पुलिस विभाग ने नहीं रोका-टोका। लोगों ने बताया कि यूपी के श्रद्धालु अधिकतर लोडिंग वाहन में भरकर आते हैं। ज्यादा सवारी बैठाने के लिए पीछे बॉडी में ऊपर फट्टे लगा कर अतिरिक्त जगह बना लेते हैं। कुछ सवारी नीचे थी और कुछ सवारी ऊपर बैठती हैं।
Updated on:
14 Aug 2025 09:41 am
Published on:
14 Aug 2025 09:40 am